गोलमेज सम्मेलन (Round Table Conference)

गोलमेज सम्मेलन

गोलमेज सम्मेलन

भारत के भावी संविधान के लिये विस्तृत चर्चा हेतु लंदन में तीन गोलमेज सम्मेलनों का आयोजन किया गया।

प्रथम गोलमेज सम्मेलन (1930)

  • यह सम्मेलन नवंबर, 1930 से जनवरी, 1931 तक लंदन में आयोजित किया गया जिसका उद्घाटन ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने किया।
  • इस सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने की।
  • इस सम्मेलन में कांग्रेस ने भागीदारी नहीं की।
  • प्रथम गोलमेज सम्मेलन (Round Table Conference) में भाग लेने वाले राजनीतिक दलों में उदारवादी दल, मुस्लिम लीग, हिंदू महासभा, दलित वर्ग, भारतीय रजवाड़ों के प्रतिनिधि आदि शामिल थे।

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द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931)

  • द्वितीय गोलमेज सम्मेलन सितंबर, 1931 से दिसंबर, 1931 तक चला।
  • जिसमें गांधी जी ने कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया।
  • यह सम्मेलन सांप्रदायिक मतभेद के कारण असफल रहा।
  • यहाँ भीमराव अंबेडकर ने दलितों के लिये भी पृथक् निर्वाचक मंडल की मांग की जिसका गांधी जी ने विरोध किया।

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तृतीय गोलमेज सम्मेलन (1932)

  • तृतीय गोलमेज सम्मेलन (Round Table Conference) का आयोजन नवंबर, 1932 से दिसंबर, 1932 तक लंदन में किया गया।
  • कांग्रेस द्वारा इस सम्मेलन का बहिष्कार किया गया।
  •  इस सम्मेलन में 1935 के भारत शासन अधिनियम की रूपरेखा को सामने रखा गया।
  • अंबेडकर ने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भागीदारी की।
  • तीनों गोलमेज सम्मेलन के समय इंग्लैंड का प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड था।

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