ख़िलाफ़त आंदोलन

  • तुर्की का सुल्तान धार्मिक ख़लीफ़ा था। प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् विजेता देश जिसमें इंग्लैंड भी था,
  • तुर्की को दंडित करना चाहते थे। इससे मुसलमान नाराज़ हो गए।
  • इस घटना के पश्चात् शीघ्र ही मुहम्मद अली, शौकत अली, मौलाना आज़ाद, हकीम अजमल खान तथा हसरत मोहानी के नेतृत्व में खिलाफत कमेटी का गठन किया गया तथा देशव्यापी आंदोलन छेड़ दिया गया।
  • नवंबर, 1919 में दिल्ली में अखिल भारतीय खिलाफत सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की।
  • इस सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि अगर सरकार इनकी मांगों को मानने से इनकार करती है तो सरकार के साथ सहयोग करना बंद कर दिया जाएगा।
  • तिलक एवं महात्मा गांधी सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं ने भी ख़िलाफ़त आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया तथा इसे हिंदुओं- मुसलमानों के बीच एकता स्थापित करने का सुनहरा अवसर माना।
  • जून 1920 में इलाहाबाद में सर्वदलीय सम्मेलन हुआ जिसमें स्कूलों, कॉलेजों एवं अदालतों के बहिष्कार का निर्णय किया गया।
  • मदन मोहन मालवीय ने ख़िलाफ़त आंदोलन का समर्थन नहीं किया था।
  • हकीम अजमल खाँ ने ख़िलाफ़त आंदोलन के दौरान हाजिक-उल-मुल्क की पदवी त्याग दी थी।

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