सौर मंडल का केंद्रीय सदस्य सूर्य पृथ्वी का निकटतम तारा है।
सूर्य आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा लगभग 22.5 करोड़ वर्षों में पूरी करता है जिसे ब्रह्मांड वर्ष (Cosmic Year) कहते हैं।
सूर्य के प्रकाश की गति लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड है।
पृथ्वी तक सूर्य का प्रकाश पहुँचने में 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है।
सूर्य की आंतरिक संरचना के केंद्रीय भाग को कोर (Core) कहा जाता है जबकि बाह्य संरचना के बाहरी भाग को कोरोना (Corona) कहा जाता है, जो सूर्य ग्रहण के समय दिखाई देता है। इससे X-Ray उत्सर्जित होता है।
प्रकाश मंडल (Photosphere) सामान्य समय में सूर्य का दिखने वाला भाग है।
सूर्य के कोर का तापमान जहाँ 15 मिलियन °C है वहीं फोटोस्फेयर (सतह) का तापमान 6000°C होता है।
सूर्य के धब्बों का ताप 1500°C होता है।
सौरमंडल के ग्रह
ग्रह जिन्हें नंगी आँखों से देखा जा सकता है- बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति व शनि।
हाइड्रोजन, हीलियम तथा मीथेन गैसें बृहस्पति, शनि तथा मंगल ग्रहों पर बड़ी मात्रा में विद्यमान हैं।
ग्रह जिनका कोई उपग्रह नहीं है-बुध व शुक्र
ग्रह जो अन्य ग्रहों की अपेक्षा विपरीत दिशा में (पूर्व से पश्चिम) परिक्रमा करते हैं- शुक्र व अरुण
आकार एवं बनावट की समानता के कारण पृथ्वी की बहन ‘शुक्र’ ग्रह को कहा जाता है।
इसे ‘भोर एवं साँझ’ का तारा भी कहते हैं।
शुक्र के वायुमंडल में 90-95 प्रतिशत तक कार्बन डाइऑक्साइड होने के कारण यहाँ तापमान अत्यधिक होता है।
जिस कारण यह सबसे चमकीला एवं गर्म ग्रह है।
शुक्र पृथ्वी से सबसे नज़दीक ग्रह है।
अपने अक्ष पर सबसे कम समय में चक्कर लगाने वाला ग्रह बृहस्पति है।
सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है।
सौर मंडल का सबसे बड़ा उपग्रह-गैनिमीड (बृहस्पति)
मंगल ग्रह के दो उपग्रह हैं फोबोस और डीमोस।
इस ग्रह पर माउंट एवरेस्ट से लगभग तीन गुना अधिक ऊँचा पर्वत निक्स ओलम्पिया अवस्थित है।
मंगल ग्रह को ‘लाल ग्रह’ भी कहा जाता है।
मंगल एवं बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रहों (Asteroids) की पट्टी मौजूद है।
शनि ग्रह के चारों ओर वलय है।
शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है तथा इसके सर्वाधिक उपग्रह हैं।
पृथ्वी के आकार को ‘Geoid’ कहा जाता है।
पृथ्वी एकमात्र ज्ञात ग्रह है जिस पर जीवन है।
जल की उपस्थिति के कारण इसे ‘नीला ग्रह’ भी कहते हैं।
डॉग स्टार या साइरस पृथ्वी से लगभग 9 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है एवं सूर्य से लगभग दो गुणा भार वाला तारा है।
यह रात्रि में दिखाई पड़ने वाला सर्वाधिक चमकीला तारा है।
अरुण ग्रह को हरा ग्रह तथा अधिक अक्षीय झुकाव के कारण से लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है।
प्लूटो को बौने ग्रह का दर्जा प्राप्त है। (2006 से)
प्रॉक्सिमा सेन्चुरी सूर्य के बाद पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा है।
चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। इसे जीवाश्म ग्रह की भी संज्ञा दी जाती है।
चंद्रमा के अध्ययन को ‘सेलेनोलॉजी’ (Selenology) कहते है।
आर्कटिक के उत्तरी और अंटार्कटिक के दक्षिणी क्षेत्रों में ‘मध्य रात्रि का सूर्य’ दिखता है जिसका तात्पर्य सूर्य का देर रात तक चमकना है।
‘सुपर मून’: वह स्थिति है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। इसमें चंद्रमा ज़्यादा बड़ा एवं ज्यादा चमकीला नज़र आता है।
‘ब्लू मून’: एक कैलेंडर माह में जब दो पूर्णिमा हो तो दूसरी पूर्णिमा का चाँद ‘ब्लू मून’ कहलाता है।
‘ब्लड मून’: लगातार चार पूर्ण चंद्रग्रहण को ब्लड मून की संज्ञा दी जाती है।
गोल्डीलॉक्स जोनः एक तारे के चारों ओर आवास योग्य (ग्रह) क्षेत्र को कहते है
जहाँ पानी के तरल रूप में उपलब्ध रहने हेतु आवश्यक तापमान हो। इस क्षेत्र में जीवन की सर्वाधिक संभावना होती है।
धूमकेतु (Comet): सौरमंडल में ये बहुत ही छोटे पत्थर, धूल, और गैस के बने पिंड हैं।
धूमकेतु आकाश में लंबी चमकदार पूँछ सहित प्रकाश के चमकीले गोले के रूप में दिखाई देते हैं।
ये भी सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। हैली एक धूमकेतु है।
उल्का (Meteor): ये प्रकाश की चमकीली धारी के रूप में दिखते हैं जो आकाश में क्षणभर के लिये दमकते हैं और लुप्त हो जाते हैं।