मापन (Measurement)
- किसी भौतिक राशि का मापन (Measurement) एक निश्चित, आधारभूत एवं संदर्भ-मानक से राशि की तुलना करना है तथा इस संदर्भ मानक को ‘मात्रक’ कहते हैं।
- दैनिक जीवन में भौतिक राशियों की संख्या मान्यताप्राप्त, अत्यधिक है, फिर भी इनके मापन (Measurement) के लिये मात्रकों की सीमित संख्या ही आवश्यक है, क्योंकि ये राशियाँ परस्पर अंतर्संबंधित होती है।
- मूल राशियों को व्यक्त करने के लिये मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं।
- मूल मात्रकों के संयोजन से प्राप्त व्युत्पन्न राशियों के मात्रक को ‘व्युत्पन्न मात्रक’ कहते हैं।
- वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रणाली ‘सिस्टम इंटरनेशनल डि से संकेताक्षर में SI लिखा जाता है।
- SI में सात मूल यूनिट्स’ है, जिसे मात्रक हैं।
- SI से पूर्व तीन प्रणालियाँ मापन के लिये उपयोग में लाई जाती थीं
- CGS प्रणाली में सेंटीमीटर, ग्राम, सेकेंड
- FPS प्रणाली में फुट, पाउंड, सेकेंड ।
- MKS प्रणाली में मीटर, किलोग्राम, सेकेंड ।
मूल राशि | मात्रक | प्रतीक |
लंबाई | मीटर | m |
द्रव्यमान | किलोग्राम | kg |
समय | सेकेंड | s |
विद्युत धारा | एपीयर | A |
ऊष्मा गतिक ताप | केल्विन | K |
पदार्थ की मात्रा | मोल | mol |
ज्योति तीव्रता | कैंडेला | cd |
- प्रकाश की निर्वात में चाल 3 x 108 मीटर/से. होती है। सूर्य से धरती तक पहुँचने में प्रकाश को लगभग 8 मिनट 20 सेकेंड लगते हैं।
- प्रकाश वर्ष, निर्वात में प्रकाश द्वारा 1 वर्ष में तय की गई दूरी (9.46 × 1015 मीटर) होती है। इसे एक प्रकाश वर्ष कहते हैं।
- पारसेक का उपयोग अत्यधिक लंबी खगोलीय दूरी को व्यक्त करने में किया जाता है।
- अत्यधिक कम दूरी को मापने के लिये नैनोमीटर का उपयोग किया जाता है। एक नैनोमीटर में 1 x 10-9 मीटर होता है।
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कुछ अन्य मापन की इकाई
भौतिक राशि | मापन की इकाई |
दाब | पास्कल (Pa) |
ध्वनि की प्रबलता | डेसीबल (db) |
प्रकाश की तरंगदैर्ध्य | ऐंग्सट्राम (A) |
नौसंचालन में दूरी | नॉटिकल मील (NM) |
ऊष्मा | कैलोरी (Cal) |
विद्युत विभवांतर | वोल्ट (v) |
तापमान | सेल्सियस (°C) |
आवृत्ति | हर्ट्ज (Hz) |
जल का बहाव | क्यूसेक (Cusec ) |
ओजोन परत की मोटाई | डॉब्सन इकाई (Du) |
ज्योति फ्लक्स | ल्यूमेन (lm) |
चुंबकीय प्रेरण (क्षेत्र) | टेस्ला (T) |
समतल कोण | रेडियन (rad) |
घन कोण | स्टेरेडियन (Sr) |
विमीय सूत्र एवं विमीय समीकरण
- किसी भौतिक राशि का विमीय सूत्र वह व्यंजक है, जो यह दर्शाता है कि किसी भौतिक राशि में किस मूल राशि की कितनी विमाएँ हैं।
- विमाओं द्वारा ही किसी भौतिक राशि की प्रकृति की व्याख्या की जाती है।
- लंबाई की विमा को [L], समय की [T] तथा द्रव्यमान की विमा को [M] से प्रदर्शित करते हैं।
- जब किसी भौतिक राशि को मूल राशियों और उनकी विमाओं के रूप में निरूपित किया जाता है तो इसे उस राशि का विमीय समीकरण कहते हैं।
भौतिक राशियाँ
- किसी द्रव्य की स्थिति या उचित मात्रात्मक स्थिति या किसी परिघटना की सटीक व्याख्या के लिये जिन पदों का उपयोग किया जाता है, वे ‘भौतिक राशियाँ’ कहलाती हैं।
- सभी भौतिक राशियों की माप की जा सकती है और इन्हें एक संख्या द्वारा निरूपित किया जा सकता है।
अदिश राशियाँ (Scalar Quantities)
- ऐसी भौतिक राशियाँ जिनमें सिर्फ परिमाण होता है, लेकिन दिशा नहीं होती, उन्हें ‘अदिश राशियाँ’ कहते हैं, जैसे-किन्हीं दो बिंदुओं के बीच दूरी, द्रव्यमान, तापमान, समय, चाल, विद्युत धारा, दाब इत्यादि।
सदिश राशियाँ (Vector Quantities)
- ऐसी भौतिक राशियाँ जिनमें परिमाण के साथ-साथ दिशा भी होती है, ‘सदिश राशियाँ’ कहलाती हैं अर्थात् इन राशियों को परिमाण की संख्या तथा दिशा द्वारा व्यक्त किया जाता है, जैसे- विस्थापन, वेग, त्वरण इत्यादि।
- अदिश राशियों के जोड़ में सामान्य बीजगणित के नियम लागू होते हैं। अर्थात इनको सामान्य संख्याओं की भाँति जोड़, घटा, गुणा एवं भाग कर सकते हैं, जबकि सदिश राशियाँ योग संबंधित त्रिभुज एवं समानांतर चतुर्भज के नियमों का पालन करती हैं।
दूरी (Distance)
- यह किसी वस्तु द्वारा एक निश्चित समय में तय किये गए मार्ग की संपूर्ण लंबाई होती है। इसका मात्रक मीटर है। यह एक अदिश राशि है।
विस्थापन (Displacement)
- एक निश्चित दिशा में दो बिंदुओं के बीच की लंबवत् दूरी को ‘विस्थापन’ कहते हैं अर्थात् विस्थापन गति करने वाली वस्तु का प्रारंभिक एवं अंतिम अवस्था के बीच की न्यूनतम दूरी है। इसका मात्रक मीटर है तथा यह एक सदिश राशि है।
गति और गति के नियम
- भौतिकी में गति समय के सापेक्ष किसी वस्तु (Object) की स्थिति में परिवर्तन है। इसे विस्थापन, दूरी, वेग इत्यादि के रूप में वर्णित किया जाता है।
एकसमान गति (Uniform Motion)
- ऐसी गति जिसमें कोई वस्तु समान समयांतराल में समान दूरी तय करती है तो इसे ‘एकसमान गति’ कहते हैं।
असमान गति (Non Uniform Motion)
- ऐसी गति जिसमें कोई वस्तु समान समयांतराल में एकसमान दूरी तय नहीं करती है अर्थात् समान समयांतराल में अलग-अलग दूरियाँ तय करती है। दैनिक जीवन में सामान्यतः सभी गतियाँ असमान गति का उदाहरण है।
चाल (Speed)
- किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को ‘चाल’ कहते हैं।
- चाल =दुरी/-समय
- यह एक अदिश राशि है, जिसका SI मात्रक मीटर प्रति सेकेंड है।
- वेग (Velocity) किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में दिशा में तय की गई दूरी है। एक निश्चित
- वेग= विस्थापन/ समय
- यह एक सदिश राशि है, जिसका SI मात्रक मीटर प्रति सेकेंड है।
त्वरण (Acceleration)
- वेग परिवर्तन की दर को ‘त्वरण’ कहते हैं-
- त्वरण = वेग परिवर्तन/समयांतराल
- यदि किसी वस्तु का t, समय पर वेग v1 तथा t₂ समय पर वेग V2
- त्वरण (a) = V 2 – V1 / t2-t1
वृत्तीय गति (Circular Motion)
- जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर गति करती है तो इसे ‘वृत्तीय गति’ कहते हैं।
- वृत्तीय गति में त्वरण होता है, जिसके कारण वस्तु की गति की दिशा परिवर्तित होती रहती है।
- त्वरण की दिशा सदैव वृत्त के केंद्र की ओर होती है।
- वृत्ताकार पथ पर एकसमान चाल से गतिशील वस्तु समान चाल और परिवर्ती वेग का उदाहरण है।
कोणीय वेग (Angular Velocity)
- वृत्ताकार पथ पर गतिशील वस्तु को वृत्त के केंद्र से मिलाने वाली रेखा एक सेकेंड में जितना कोण घूमती है, उसे उस वस्तु का ‘कोणीय वेग’ कहते हैं। इसे ओमेगा (ω) से प्रदर्शित करते हैं।
ω =ѳ/t =2n
- जहाँ n एक सेकेंड में गतिमान वस्तु द्वारा लगाए गए चक्करों की संख्या है। वृत्ताकार पथ पर गतिशील वस्तु की रेखीय चाल वस्तु द्वारा चली गई दूरी पर निर्भर करती है। रेखीय चाल = कोणीय चाल x त्रिज्या
v = 2n x r