भारत की प्रमुख फसलें और उत्पादक राज्य

भारत की प्रमुख फसलें

चावल (धान)

  • चावल उष्णार्द्र जलवायु की खाद्य फसल है। इसकी रोपाई के लिये 25° से. से अधिक तापमान ऐसी मृदाएँ जिनकी जलधारण क्षमता अधिक होती है। जैसे- जलोढ़क मृदा एवं 100 से.मी. से अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • यह भारत की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण फसल है, जिसका कुल खाद्यान्न उत्पादन में 43 प्रतिशत हिस्सा है।
  • चीन के बाद चावल उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है।
  • भारत में कुल कृषि योग्य क्षेत्रों में सबसे अधिक क्षेत्र पर चावल की कृषि की जाती है। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, बिहार, असम आदि प्रमुख चावल उत्पादक राज्य हैं।
  • दक्षिणी राज्यों तथा पश्चिम बंगाल में जलवायु अनुकूलता के कारण एक कृषि वर्ष में चावल की दो या तीन फसलें बोई जाती हैं, परंतु हिमालय तथा देश के उत्तर पश्चिम भागों में यह दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतु में उगाई जाती है।
  • देश के विभिन्न क्षेत्रों में चावल की इन फसलों को भिन्न-भिन्न नाम से जानते है
राज्य शरद ऋतु शीत ऋतु ग्रीष्म ऋतु
पश्चिम बंगाल ऑस अमन बोरो
असम अहू सली बोरो
ओडिशा बियाली सरद डलुआ
बिहार भदई अगहनी गरमा
केरल विरूपु मुदकन पुंजा
तमिलनाडु कुरुवई / सोर्नावरी सांबा /थलाड़ी नवराई

 

भारत में प्रमुख फसलें

धान की प्रमुख किस्में

  • जया, साकेत, पूसा सुगंधा, गोविंद, कावेरी, माही सुगंधा, रतना, सरजू, पूरग-33, लूनीश्री आदि।

गेहूँ

  • यह शीतोष्ण जलवायु की खाद्य फसल है। इसकी बोआई के लिये उपजाऊ बलुई मृदा, 10° से 15° से. तापमान एवं 50 सेमी. तक वार्षिक वर्षा आवश्यक है।
  • गेहूँ उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, गुजरात व महाराष्ट्र प्रमुख हैं।
  • विश्व में गेहूँ उत्पादन में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।

भारत में प्रमुख फसलें

गेहूँ की प्रमुख किस्में

  • लर्मा-रोजो, सोनारा-64, मैकोरानी, VL-829, H.S-420, H.S-355

मक्का

भारत में प्रमुख फसलें
pic by kisansamadhan
  • मक्का अर्द्ध शुष्क जलवायु की खाद्य एवं चारा फसल है, जिसे ‘अनाजों की रानी’ के नाम से जाना जाता है। इसकी खेती के लिये 180 – 27° से. तापमान, उच्च जलधारण क्षमता युक्त मृदा, 50 सेमी. से 100 सेमी. वर्षा तथा पालारहित मौसम उपयुक्त है। यह रबी, खरीफ एवं जायद तीनों ऋतुओं की फसल है।
  • भारत में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना तथा राजस्थान मक्का उत्पादन के प्रमुख राज्य हैं। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल इत्यादि राज्यों में भी इसे उगाया जाता है।

मक्का की प्रमुख किस्में

  • प्रताप, पूसा अली, संकर-5, विवेक मक्का- 11, गिरजा ।

नोटः मक्का अमेरिकी मूल का पौधा है, भारत में इसे पुर्तगालियों द्वारा लाया गया था।

दलहन

  • दलहनी फसलें मृदा की उर्वरता की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने के साथ प्रोटीन युक्त खाद्यान्न है।
  • भारत विश्व में दाल का सबसे बड़ा उत्पादक एवं उपभोक्ता तथा आयातक देश है।
  • दलहन में सबसे अधिक योगदान चना एवं उसके बाद अरहर (तुर) का है। इसके अतिरिक्त मूंग, मटर, मसूर, उड़द, आदि प्रमुख हैं।
  • भारत विश्व में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता तथा आयातक राष्ट्र है।
  • मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश दलहन के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

अरहर की प्रमुख किस्में

  • पूसा-992, पूसा-16, MA-6, मालवीय चमत्कार, GAUT -001E,पारस, अमर

चना की प्रमुख किस्में

  • राधे, विशाल, उदय सम्राट, पूसा चमत्कार।

तिलहन

  • भारत के कृषि उत्पादों में तिलहन का स्थान खाद्यान्न के बाद दूसरा है। यह एक नकदी फसल है।
  • मालवा पठार, मध्यप्रदेश, मराठवाड़ा, गुजरात, राजस्थान के शुष्क भाग, तेलंगाना व आंध्र प्रदेश भारत के प्रमुख तिलहन उत्पादक क्षेत्र हैं।
  • गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मूंगफली के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • भारत विश्व में सबसे बड़ा तिलहन उत्पादक देश है। कुल तिलहन उत्पादन में मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात अग्रणी राज्य हैं।

सरसों (राई) की प्रमुख किस्में

  • NRCHB-506, NRC-HB-502, GM-3

मोटे अनाज (Millets)

  • ज्वार, बाजरा और रागी भारत में उगाए जाने वाले प्रमुख मोटे अनाज हैं। इनमें पोषक तत्त्वों की प्रचुरता होती है। भारत में वर्ष 2018 को ‘मोटे अनाज के वर्ष’ के रूप में मनाया गया, साथ ही संयुक्त राष्ट्र के कृषि एवं खाद्य संगठन ने वर्ष 2023 को ‘मोटे अनाज के वर्ष’ के रूप में बनाने का निर्णय लिया है।
  • क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से ज्वार देश की तीसरी सबसे महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। मुख्यतः वर्षा पर निर्भर इस फसल का सर्वाधिक उत्पादन कर्नाटक में होता है। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र
  • तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश ज्वार के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। पोषक तत्वों में बढ़ोतरी के मद्देनजर वर्ष 2018 में ‘परभानी शक्ति’ (Parbhani Shakti) नामक देश का पहला जैव-संवर्धित (Bio-fortified) ज्वार बनाया गया।
  • रागी सामान्यतः शुष्क क्षेत्र की फसल है। इसका उत्पादन प्रमुखतया दोमट तथा उथली काटी मिट्टी में होता है। इसमें कैल्शियम, आयरन तथा अन्य सूक्ष्म तत्त्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है। कर्नाटक तमिलनाडु, झारखंड, हिमाचल प्रदेश आदि इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

गन्ना

  • गन्ना भारत की एक देशज रोपण एवं नकदी फसल है। यह उष्ण कटिबंधीय जलवायु में सामान्यतः 20° से 27° से. तापमान, बलुई मृदा एवं 75 सेमी. 120 सेमी, वर्षा में उपजायी जाती है। गन्ना के अंतर्गत सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र आता है।
  • भारत विश्व में गन्ना एवं चीनी दोनों के उत्पादन में ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर है।
  • भारत में गन्ना उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, बिहार, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा आदि प्रमुख हैं।
  • उत्तर प्रदेश को ‘चीनी का कटोरा’ कहा जाता है।

नोट: भारत में गन्ने के प्रजनन का कार्य कोयंबटूर (तमिलनाडु) में किया जा रहा है। इसके लिये 1912 में गन्ना प्रजनन संस्थानकी स्थापना की गई थी।

कपास

  • भारत कपास (श्वेत स्वर्ण) के पौधों का मूल स्थान है। यह उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधीय नकदी फसल है, जिसका रेशा बीज से प्राप्त होता है। काली मृदा, 60 से 85 सेमी. औसत वार्षिक वर्षा पाला रहित मौसम इसके विकास हेतु आवश्यक है।
  • भारत के उत्तर-पश्चिमी और पश्चिमी क्षेत्र कपास के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं, जिसके अंतर्गत प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व आंध्र प्रदेश में इसकी कृषि की जाती है।

जूट

  • जूट भारत की नकदी फसल है। 25° से. तक उच्च तापमान, नई जलोदक मृदा, 150 सेमी. से 200 सेमी. वर्षां तथा समतल भूमि जूट की खेती के लिये अनुकूल भौगोलिक दशाएँ हैं।
  • भारत विश्व में जूट का सबसे बड़ा (विश्व का लगभग 60 प्रतिशत) उत्पादक देश है। उसके बाद बांग्लादेश है।
  • यह पश्चिम बंगाल, बिहार, असम तथा इससे लगे हुए पूर्वी भागों की एक व्यापारिक फसल है।

चाय

  • चाय भारत की प्रमुख पेय फसल है।
  • यह उष्णाई एवं उपोष्ण आर्द्र जलवायु परिस्थितियों में पैदा होने वाली फसल है। 150-250 से. मी. ग्रीष्मकालीन वर्षा, हल्की अम्लीय तथा स्यूमसयुक्त मृदा, 21° से 27° से. उच्च दैनिक तापमान तथा पहाड़ी ढलान, जहाँ जड़ में जल जमा न हो, इसकी आदर्श भौगोलिक दशाएँ हैं।
  • भारत चाय का चीन के बाद सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • चाय के मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु की नीलगिरी की पहाड़ी व केरल प्रमुख हैं।

कहवा (कॉफी)

  • कॉफी एक उष्ण कटिबंधीय रोपण एवं नकदी फसल है। इसके लिये 16° से 28° से. तापमान, 100 से. मी. से 200 से. मी. की वार्षिक वर्षा तथा ढलुआ भूमि आवश्यक है।
  • अरेबिका रोबस्टा एवं लाइबेरिका कॉफी की प्रमुख किस्में है। भारत में अधिकतर ‘रोबस्टा कॉफी’ का उत्पादन होता है।
  • भारत में कर्नाटक की लैटेराइट मिट्टी में कहवा अच्छी तरह पनपता है। साथ ही कर्नाटक भारत में आधे से अधिक कहवा का उत्पादन करता है। इसके बाद केरल एवं तमिलनाडु का स्थान आता है।
  • विश्व स्तर पर ब्राजील कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक है।

कृषि से संबंधित अन्य तथ्य

  • भारत में फसलों के कुल क्षेत्रफल में खाद्यान्नों का हिस्सा लगभग 70 प्रतिशत तक है।
  • तंबाकू भारत में पुर्तगालियों द्वारा लाया गया। तंबाकू के उत्पादन में आंध्र प्रदेश का प्रमुख स्थान है। विश्व में चीन तंबाकू उत्पादन में अग्रणी है। उसके बाद क्रमश: भारत एवं ब्राजील का स्थान है।
  • रबर अमेजन बेसिन (ब्राजील) का मूल पौधा है। भारत में केरल रबर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है तथा विश्व स्तर पर प्राकृतिक रबर उत्पादन में थाईलैंड का प्रथम स्थान है।
  • भारत में केसर (फूल का वर्तिकाग्र) का उत्पादन कश्मीर में किया जाता है।
  • नारियल के उत्पादन में भारत विश्व में तीसरे स्थान पर है। इडोनेशिया प्रथम एवं फिलीपींस दूसरे स्थान पर है। भारत में तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक प्रमुख नारियल उत्पादक राज्य हैं।
  • भारत विश्व में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देश है।
  • भारत में मसाला उत्पादन में आंध्र प्रदेश शीर्ष पर है। काली मिर्च के उत्पादन में कर्नाटक और छोटी इलायची उत्पादन में केरल अग्रणी राज्य है।
  • फलों तथा सब्जियों के उत्पादन में भारत का चीन के बाद विश्व में दूसरा स्थान है।
  • आम, केला, नींबू के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में प्रथम है।
  • महाराष्ट्र में उत्पन्न अल्फांसो आम विश्व प्रसिद्ध है। इसका अधिकांश भाग निर्यात किया जाता है।
  • देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय 1960 में पंतनगर (उत्तराखंड) में, गोविंद वल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय नाम से खोला गया।

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