गांधी-इरविन समझौता (1931)

  • तेजबहादुर सप्रू एवं एम.आर. जयकर के प्रयासों की बदौलत 5 मार्च, 1931 को गांधी-इरविन समझौता संपन्न हुआ जिसके पश्चात् कांग्रेस ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को समाप्त करने की मांग मान ली तथा दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिये राज़ी हुई।
  • सरोजिनी नायडू ने गांधी और इरविन को दो महात्मा कहा था। ने
  • गांधी-इरविन समझौते (दिल्ली समझौता) को मंजूरी प्रदान करने हेतु 29 मार्च, 1931 को सरदार बल्लभभाई पटेल की अध्यक्षता में कांग्रेस का कराची अधिवेशन हुआ।
  • कराची अधिवेशन में कांग्रेस ने मौलिक अधिकारों एवं राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम से संबंधित एक प्रस्ताव पारित किया।

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             महात्मा गांधी से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • महात्मा गांधी ने सत्याग्रह का प्रयोग सर्वप्रथम दक्षिण अफ्रीका में किया था।
  • भारत में सत्याग्रह का पहला प्रयोग उन्होंने चंपारण में किया।
  • राष्ट्रीय स्तर पर सत्याग्रह का पहला प्रयोग रौलेट सत्याग्रह था।
  • दक्षिण अफ्रीका में डरबन से प्रिटोरिया जाते हुए गांधी जी को पीटरमारित्जर्बग नामक स्थान पर ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया।
  • गोपाल कृष्ण गोखले गांधी जी से मिलने दक्षिण अफ्रीका गए थे।
  • गांधी जी टॉल्स्टॉय के विचारों से प्रभावित थे।
  • द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिये गांधी जी एस. एस. राजपुताना नामक जहाज़ से लंदन गए थे।
  • गांधी जी कुटीर उद्योग के समर्थक थे तथा खादी को आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक मानते थे।
  • गांधी जी ने ‘सर्वोदय’ की अवधारणा है जिसका अर्थ है ‘सभी का उदय या कल्याण’।
  • गांधी जी ने भगवत गीता को अपनी माता कहा था।
  • गांधी जी को दार्शनिक अराजकतावादी माना जाता है।

 

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