Vibrant Village Program

Vibrant Village Program

Vibrant Village Program खबरों में क्यों है?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की सात नई बटालियनों के गठन को मंज़ूरी दी है, साथ ही चीन सीमा पर सामाजिक एवं सुरक्षा ढाँचे को मज़बूत करने हेतु Vibrant Village Program (VVP) के तहत 4,800 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं। कैबिनेट ने लद्दाख को सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए मनाली-दारचा-पदुम-निम्मू खंड पर 4.1 किमी शिंगु-ला सुरंग को मंजूरी दी।

महत्त्व

इसका उद्देश्य वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करना है। इससे ITBP को आराम करने, स्वस्थ होने और अपने कर्मियों को प्रशिक्षित करने का मौका मिलेगा। अतिरिक्त बटालियनों को बढ़ाने का निर्णय लेते समय प्रभावी सीमा निगरानी की आवश्यकता और दोनों रेजिमेंटों की आवश्यकता को ध्यान में रखा गया।

सीमावर्ती गांवों के लिए वित्तीय पैकेज को मंजूरी देने और सुरक्षा को मजबूत करने का सरकार का फैसला ऐसे समय में आया है जब लद्दाख में LAC पर चीन के साथ मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं। PLA के सैनिक अभी भी डेपचांग मैदान में तैनात हैं और चीन LAC पर डेमचोक में अपने बुनियादी ढांचे को भी अपग्रेड कर रहा है।

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Vibrant Village Program-

यह केंद्रीय बजट वर्ष 2022-23 (2025-26 तक) में घोषित एक केंद्रीय वित्त पोषित योजना है जिसका उद्देश्य उत्तर में सीमावर्ती गांवों को विकसित करना और ऐसे सीमावर्ती गांवों के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इसमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और लद्दाख के सीमावर्ती राज्य शामिल हैं।

इसके तहत पहले चरण में 2,963 गांवों, 663 गांवों को जोड़ा जाएगा। जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान तैयार करेगा। Vibrant Village Program के कारण ‘बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान’ के साथ कोई ओवरलैप नहीं होगा।

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उद्देश्य

यह परियोजना स्थानीय, प्राकृतिक, मानव और अन्य संसाधनों के आधार पर उत्तरी सीमा के साथ सीमावर्ती गांवों के आर्थिक चालकों की पहचान करने और विकसित करने में मदद करेगी।

सामाजिक उद्यमिता, कौशल विकास और उद्यमशीलता के माध्यम से युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाकर ‘हब एंड स्पोक मॉडल’ पर आधारित विकास केंद्रों का निर्माण। स्थानीय, सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का दोहन करना। समुदाय आधारित उद्यमों, सहकारी समितियों और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से ‘एक गांव-एक उत्पाद’ की अवधारणा के आधार पर स्थायी पर्यावरण-कृषि व्यवसाय बनाना।

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शिंगु-ला सुरंग की मुख्य विशेषताएं

  • यह लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों को सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए निमू-पदम-दारचा रोड लिंक पर 4.1 किलोमीटर लंबी सुरंग है।
  • दिसंबर 2025 तक टनल बनकर तैयार हो जाएगी।
  • यह देश की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
  • इससे क्षेत्र में सुरक्षा बलों की आवाजाही में भी आसानी होगी।

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श्रोत- The Hindu

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