G20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक

G20

G20 ख़बरों में क्यों है?

हाल ही में भारत के शिक्षा मंत्री, धर्मेन्द्र प्रधान ने बाली, इंडोनेशिया में G20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया।

थीम-

Recover Together, Recover Stronger

प्रमुख बिंदु

पारस्परिक अनुभवों को साझा करने और नए विश्व के निर्माण के लिये मिलकर काम करने के महत्त्व पर ज़ोर दिया, जिसमें शिक्षा आम चुनौतियों का सामना करने हेतु प्रयास प्रमुख बिंदु रहे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, (NEP) पहुँच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है, जो आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने और G20 के साझा दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिये भारत का मार्गदर्शक है।

NEP, 2020 के कार्यान्वयन के माध्यम से अधिक लचीला और समावेशी शिक्षा एवं कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण तथा प्रत्येक शिक्षार्थी की रचनात्मक क्षमता को साकार करने की दिशा में भारत की तीव्र प्रगति पर प्रकाश डाला गया। भारत ने प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा को औपचारिक रूप देने, दिव्यांग बच्चों का समर्थन करने, डिजिटल एवं मल्टी-मोडल सीखने को बढ़ावा देने, लचीले प्रवेश-निकास मार्ग, कौशल के साथ शिक्षा को एकीकृत करने पर विशेष ज़ोर दे रहा है, जो सीखने के परिणामों में सुधार की कुंजी हैं।

G20 समूह-

यह 19 देशों और यूरोपीय संघ (EU) का एक अनौपचारिक समूह है, जिसकी स्थापना वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ हुई थी। G20 के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।

नाइजीरिया इसका 20वांँ सदस्य बनने वाला था लेकिन उस समय की राजनीतिक समस्याओं के कारण अंतिम समय में उसे इस विचार को त्यागना पड़ा। G20 समूह में विश्व की प्रमुख उन्नत और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देश शामिल हैं जो दुनिया की आबादी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा है।

G20 की कार्यप्रणाली-

जी-20 का कोई स्थायी मुख्यालय नहीं है और सचिवालय प्रत्येक वर्ष समूह की मेज़बानी करने वाले या अध्यक्षता करने वाले देशों के बीच रोटेट होता है। सदस्यों को पांँच समूहों में बांँटा गया है (रूस, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के साथ भारत समूह 2 में है)। G20 एजेंडा जो अभी भी वित्तमंत्रियों और केंद्रीय राज्यपालों के मार्गदर्शन पर बहुत अधिक निर्भर करता है, को ‘शेरपा’ की निर्धारित प्रणाली द्वारा अंतिम रूप दिया जाता है, जो G20 नेताओं के विशेष दूत होते हैं।

वर्तमान में वाणिज्य और उद्योग मंत्री भारत के मौजूदा “G-20 शेरपा” हैं। G-20 की एक अन्य विशेषता ‘ट्रोइका’ बैठकें हैं, जिसमें पिछले वर्ष, वर्तमान वर्ष और अगले वर्ष में G20 की अध्यक्षता करने वाले देश शामिल हैं। वर्तमान में ट्रोइका में इटली, इंडोनेशिया और भारत शामिल हैं।

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विगत वर्षों में G20 का विकास-क्रम-

वैश्विक वित्तीय संकट (2007-08) ने प्रमुख संकट प्रबंधन और समन्वय निकाय के रूप में G-20 की प्रतिष्ठा को मज़बूत किया। अमेरिका, जिसने 2008 में G-20 की अध्यक्षता की थी, ने वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक को राष्ट्राध्यक्षों तक बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप पहला G-20 शिखर सम्मेलन हुआ।

वाशिंगटन डीसी, लंदन और पिट्सबर्ग में आयोजित शिखर सम्मेलनॉ ने कुछ सबसे टिकाऊ वैश्विक सुधारों हेतु परिदृश्य तैयार किया, इसमें कर चोरी और परिहार से निपटने के प्रयास में राज्यों को ब्लैक लिस्ट करना, हेज़ फण्ड और रेटिंग एजेंसियों पर सख्त नियंत्रण का प्रावधान करना, वित्तीय स्थिरता बोर्ड को वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिये एक प्रभावी पर्यवेक्षी और निगरानी निकाय बनाना, असफल बैंकों के लिये सख्त नियमों का प्रस्ताव करना, सदस्यों को व्यापार आदि में नए अवरोध लगाने से रोकना आदि शामिल हैं।

कोविड-19 की दस्तक तक G-20 अपने मूल मिशन से भटक चुका था तथा G-20 के मूल लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाया। G-20 ने जलवायु परिवर्तन, नौकरियों और सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों, असमानता, कृषि, प्रवास, भ्रष्टाचार, आतंकवाद के वित्तपोषण, मादक पदार्थों की तस्करी, खाद्य सुरक्षा और पोषण, विघटनकारी प्रौद्योगिकियों जैसे मुद्दों को शामिल करने और सतत् विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिये अपने एजेंडे को विस्तृत करके खुद को फिर से स्थापित किया।

हाल के दिनों में G-20 के सदस्यों ने महामारी के बाद सभी प्रतिबद्धताएँ पूरी की हैं, लेकिन यह बहुत कम है। अक्तूबर 2020 में रियाद शिखर सम्मेलन में उन्होंने चार स्तंभों- महामारी से लड़ाई, वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवधानों को संबोधित करने और वैश्विक सहयोग बढ़ाने को प्राथमिकता दी।

वर्ष 2021 में इटली ने कोविड-19 का मुकाबला करने, वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिकवरी को तीव्र करने और अफ्रीका में सतत् विकास को बढ़ावा देने जैसे विषयों के लिये G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक की मेज़बानी की।

स्रोत: HT

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