ग्रामीण उद्यमी परियोजना

ख़बरों में क्यों है?

हाल ही मे राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) ने सेवा भारती और युवा विकास सोसायटी के साथ साझेदारी में ग्रामीण उद्यमी परियोजना के द्वितीय चरण का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य भारत के युवाओं को मल्टी स्किल तथा उन्हें जीवन निर्वाह करने हेतु अद्भुत कौशल प्रदान करना है। केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया|

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम

राष्ट्रीय कौशल विकास निगम एक non-profit public limited कंपनी है। इसकी स्थापना 31 जुलाई, 2008 को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत की गई थी। NSDC की स्थापना वित्त मंत्रालय ने Public Private Partnership (PPP) मॉडल के रूप में की थी। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के माध्यम से केंद्र सरकार के पास NSDC का 49% हिस्सा है, जबकि प्राइवेट सेक्टर के पास शेष 51% का स्वामित्त्व है। यह कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने वाले उद्यमों, संगठनों और कंपनियों को वित्त पोषण प्रदान करके कौशल विकास में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।

ग्रामीण उद्यमी परियोजना

यह एक बहु-कौशल परियोजना है, जो NSDC द्वारा वित्त पोषित है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और झारखंड में 450 आदिवासी छात्रों को प्रशिक्षित करना है। यह परियोजना छह राज्यों– महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात में लागू की जा रही है।

महत्त्व

जनजातीय स्तर पर स्वामित्व बढ़ाने की सख्त जरूरत है ताकि ऐसी योजनाओं और पहलों के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके। आदिवासी युवाओं में इतनी शक्ति और क्षमता है, हमें बस उनकी प्रतिभा को सही जगह पर लगाना है। यह पहल हमारी आदिवासी आबादी को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करेगी।

लक्ष्य

  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि करना
  • रोज़गार के अवसर में बढ़ोतरी करना
  • स्थानीय रोज़गार के अवसर में कमी के कारण प्रवास के दबाव को कम करना
  • प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना

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ग्रामीण उद्यमी परियोजना

ग्रामीण उद्यमी परियोजना का कार्यान्वयन

प्रथम चरण

प्रशिक्षण के प्रथम चरण में महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के प्रतिभागियों को शामिल किया गया है। प्रतिभागियों को परिवहन, भोजन और आवास की सुविधा प्रदान की गई ताकि वे संसाधनों की कमी के कारण सीखने के अवसरों से न चूकें।

द्वितीय चरण

रांची में शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का क्रियान्वयन युवा विकास सोसायटी द्वारा सेवा भारती केंद्र के माध्यम से किया जा रहा है. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के संरक्षण में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने सेवा भारती केंद्र कौशल विकास केंद्र में सेक्टर कौशल परिषदों (SSCS) के माध्यम से प्रयोगशालाओं और कक्षाओं की स्थापना में सहायता की है। परियोजना के तहत प्रशिक्षण का उपयोग निम्नलिखित कार्य भूमिकाओं में किया जाएगा जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रासंगिक हैं।

  • इलेक्ट्रीशियन और सोलर पैनल इंस्टालेशन टेक्निशियन
  • दोपहिया वाहनों की मरम्मत एवं रख-रखाव
  • ई-गवर्नेंस के साथ IT/ITES
  • कृषि यंत्रीकरण

कौशल विकास के लिये केंद्र सरकार की पहल

  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
  • रोज़गार मेला
  • क्षमता निर्माण योजना
  • स्कूल पहल और उच्च शिक्षा।
  • इंडिया इंटरनेशनल स्किल सेंटर्स (IISCs)
  • प्रस्थान पूर्व अभिविन्यास प्रशिक्षण (PDOT)

अन्य तथ्य

राष्ट्रीय औसत की तुलना में कौशल और शिक्षा की कमी के कारण आदिवासी आजीविका में संगठित क्षेत्रों का योगदान बहुत कम है। इसलिए, ग्रामीण उद्यमी परियोजना जैसी परियोजनाएं उनके सुधार और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि वे अपनी जीविका अर्जित कर सकें।

श्रोत- pib.gov

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