जैव विकास आनुवंशिकी
- चार्ल्स डार्विन ने यह बताया कि वर्तमान जीव आपस में कुछ समानताएँ रखते हैं, इसके अलावा ये जीव उन जीवों से भी कुछ समानताएँ रखते है- जो विलुप्त हो चुके हैं। समय के साथ कुछ जीव विलुप्त हुए तो कुछ नए जीव पैदा हुए और यह संपूर्ण प्रक्रिया अत्यंत धीमी गति से हुई।
- जो जीव वातावरण के अनुकूल स्वयं को ढाल सका वही जीवित रहा जबकि अन्य प्रजातियाँ लुप्त हो गई। डार्विन ने इस प्रक्रिया को ‘प्राकृतिक वरण’ (Natural Selection) का नाम दिया।
- कुछ स्तनधारी जीव, जैसे-व्हेल, चमगादड, चीता और मानव अपग्रपाद की अस्थियों में समानता दर्शाते हैं जबकि उनके क्रियाकलाप अलग-अलग हैं। इस अलग-अलग कार्यों के कारण ये संरचनाएँ
- अलग आकार ले लेती है। जीवों के विकास की यह प्रक्रिया अपसारी विकास कहलाती है तथा ये संरचनाएँ समजातीय कही जाती हैं।
- तितलियों एवं पक्षियों के पंख एक समान कार्य करते हैं और एक जैसे दिखाई देते है परंतु इनका विकास अलग-अलग पूर्वजों से हुआ है।
- मूल संरचना एवं भ्रूणीय विकास की दृष्टि से भिन्न थे अंग समरूप अंग कहलाते हैं तथा जीवों के विकास की यह प्रक्रिया अभिसारी विकास कहलाती है।
- ऐसे अंग जो जीव के पूर्वजों में पूर्ण विकसित थे लेकिन समय तथा परिस्थितियों के अनुसार इन अंगों का उपयोग क्रमिक रूप से कम होता गया और धीरे-धीरे ये अंग निष्क्रिय होते गए, ऐसे अंगो को अवशेषी अंग कहते हैं।
- मानव शरीर में वर्मीफार्म एपेंडिक्स, कर्ण पल्लव अवशेषी अंग हैं।
आनुवंशिकी (Genetics)
- ग्रेगर जॉन मेंडल को आनुवंशिकी का जनक कहा जाता है।
- जीवों के आनुवंशिक लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं।
- मेंडल का आनुवंशिकता का सिद्धांत लैंगिक जनन पर आधारित था जो मटर के पौधे पर किया गया था।
- आनुवंशिक लक्षणों के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने की प्रक्रिया को आनुवंशिकता कहते हैं तथा जीव विज्ञान की जिस शाखा के अंतर्गत इसका अध्ययन किया जाता है वह आनुवंशिकी (Genetics) कहलाती है।
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मानव में लिंग निर्धारण
- मानव में कुल 23 जोड़े क्रोमोसोम में से 22 जोड़े क्रोमोसोम नर और मादा में समान होते हैं, इसे अलिंग क्रोमोसोम कहते हैं।
- जबकि मादा में एक जोड़ा XX क्रोमोसोम एवं नर में XY क्रोमोसोम होता है जो इनके नर व मादा होने का निर्धारक होता है।
- नर में शुक्राणु जनन के समय दो प्रकार के युग्मक बनते हैं। कुल उत्पन्न शुक्राणु संख्या का 50 प्रतिशत X युक्त एवं 50 प्रतिशत Y युक्त होता है।
- मादा में केवल एक ही प्रकार के अंडाणु बनते हैं जिनमें X क्रोमोसोम होता है।
- अंडाणु का X या Y क्रोमोसोम से निषेचित होने की प्रक्रिया चलती रहती है।
- यदि अंडाणु का निषेचन Y धारी शुक्राणु से हो गया तो नर संतति का जन्म होता है।
- यदि अंडाणु का निषेचन X धारी शुक्राणु से हो गया तो युग्मनज मादा में परिवर्द्धित हो जाता है।
परीक्षा दृष्टि प्रश्न
प्रश्न: प्रयोगशाला में सर्वप्रथम DNA का संश्लेषण किसने किया था?
उत्तर: खुराना ने किया था
प्रश्न: DNAका डबल हेलिक्स मॉडल (Double Helix Model) किसने दिया था ?
उत्तर: वाटसन वा क्रीक ने
प्रश्व: वर्णान्धता वाले व्यक्ति को लाल रंग किस रंग का दिखाई देगा ?
उत्तर: हरा
प्रश्न: जिनेटिक्स किसका अध्ययन है?
उत्तर: अनुवांशिकता और विचरण का
प्रश्न: जीन के भीतर अनुक्रम- आधार परिवर्तन कहलाता है –
उत्तर: उत्परिवर्तन
प्रश्न: टर्नर संलक्षण वाले क्रोमोसोम का वीरान क्या है –
उत्तर: 44A+XO