सामाजिक एवं धार्मिक आंदोलन

  • विलियम जोंस ने 1784 में एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की जिसने भारत के अतीत को प्रकाश में लाने का प्रयास किया।
  • चार्ल्स विलिकिन्स ने गीता का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया तथा विलियम जोन्स ने अभिज्ञानशाकुंतलम् नाटक एवं ऋतु संहार का अंग्रेज़ी में रूपांतरण किया।

राजा राममोहन राय

  • राजा राममोहन राय को आधुनिक भारत का प्रथम नेता, नवजागरण का अग्रदूत, नए भारत का पैंगबर, भारतीय पुनर्जागरण का जनक तथा भारत में सुधार आंदोलन का मुख्य प्रवर्तक माना जाता है।
  • राजा राममोहन राय ने फ़ारसी में एक पुस्तक तोहफात-उल-मुहदीन (एकेश्वरवादियों को उपहार) लिखी, जिसमें उन्होंने बहुदेववाद का विरोध किया।
  • 1820 में इन्होंने ‘प्रीसेप्ट्स ऑफ जीसस’ नामक पुस्तक की रचना की।
  • इन्होंने मूर्ति पूजा, जाति प्रथा तथा धार्मिक आडंबरों का विरोध किया।
  • धार्मिक आधार पर विभेद करने वाले 1827 के जूरी एक्ट का भी इन्होंने विरोध किया।
  • सती प्रथा के खिलाफ इन्होंने आंदोलन की शुरुआत की तथा इन्हीं के प्रयासों की बदौलत 1829 में विलियम बैंटिक ने सती प्रथा को प्रतिबंधित करने के लिये कानून का निर्माण किया।
  • मुगल सम्राट अकबर द्वितीय ने राजा राममोहन राय को ‘राजा’ की उपाधि दी थी।
  • इन्होंने 1828 में ब्रह्म सभा नामक एक धार्मिक संस्था की स्थापना की। जिसे कालांतर में ब्रह्म समाज के नाम से जाना जाने लगा।
  • 1843 में देवेंद्रनाथ टैगोर ने ब्रह्म समाज का पुनर्गठन किया।
  • 1862 में केशवचंद्र सेन को ब्रह्म समाज का आचार्य नियुक्त किया गया।
  • इनके प्रयासों से इस संस्था को अखिल भारतीय स्वरूप प्राप्त हुआ।
  • 1865 ब्रह्म समाज का आदि ब्रह्म समाज एवं भारतीय ब्रह्म समाज में विभाजन हो गया।
  • देवेंद्रनाथ टैगोर से जुड़े समूह आदि ब्रह्म समाज से तथा केशवचंद्र सेन वाले गुट भारतीय ब्रह्म समाज से जुड़े हुए थे।
  • 1878 में ब्रह्म समाज में दूसरा विभाजन हो गया तथा आनंद मोहन बोस के नेतृत्व में साधारण ब्रह्म समाज की स्थापना हुई।

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आर्य समाज

  • आर्य समाज की स्थापना दयानंद सरस्वती द्वारा 1875 में बंबई में की गई।
  • बाद में इसका मुख्यालय लाहौर में बनाया गया। इन्होंने ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा दिया।
  • दयानंद सरस्वती को भारत का ‘मार्टिन लूथर किंग’ कहा जाता है।
  • इन्होंने बाल विवाह, छुआछूत, जाति प्रथा का विरोध किया तथा विधवा पुनर्विवाह एवं अंतर्जातीय विवाह का समर्थन किया।
  • आर्य समाज ने ‘भारत भारतीयों के लिये’ का नारा दिया।

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स्वामी विवेकानंद

  • 1893 में अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित किये गए विश्व धर्म सम्मेलन में इन्होंने भागीदारी की।
  • शिकागो से लौटने के पश्चात् 1897 में इन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
  • इन्होंने ज्ञानयोग, कर्मयोग, प्रेमयोग, भक्तियोग तथा राजयोग नामक पुस्तकें लिखीं।
  • सुभाषचंद्र बोस ने स्वामी विवेकानंद को आधुनिक राष्ट्रीय आंदोलन के आध्यात्मिक पिता की संज्ञा दी है।

समाज सुधार आंदोलन से जुड़े अन्य तथ्य

  • ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने विधवा पुनर्विवाह के पक्ष में आवाज़ उठाई, अंततः 1856 में इसके पक्ष में अधिनियम बनवाने में सफल रहे।
  • नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1849 में कलकत्ता में बेथुन स्कूल की स्थापना की गई।
  • सन् 1851 में ज्योतिबा फुले एवं उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले ने पूना में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बालिका विद्यालय की स्थापना की।
  • डी.के. कर्वे ने पुणे में भारतीय महिला विश्वविद्यालय (1916) भी स्थापित किया।
  • भारत में 1886 अड्यार (मद्रास के निकट) में थियोसोफिकल सोसाइटी का अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय खोला गया।
  • एनी बेसेंट का 1893 में भारत आगमन हुआ तथा 1907 में ये थियोसोफिकल सोसाइटी की अध्यक्षा बनीं।
  • 1898 में एनी बेसेंट ने बनारस में सेंट्रल हिंदू कॉलेज की स्थापना की ।
  • यही कॉलेज आगे चलकर मदन मोहन मालवीय प्रयासों से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हुआ।
  •  गोपाल हरि देशमुख को ‘लोकहितवादी’ के नाम से जाना जाता है।
1875 में मैडम ब्लावात्सकी तथा कर्नल ऑल्कॉट ने न्यूयॉर्क में थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना की।

 

मुस्लिम सुधार आंदोलन

सर सैय्यद अहमद खाँ (अलीगढ़ आंदोलन )

  • सैय्यद अहमद खाँ द्वारा मुस्लिम समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं अंधविश्वासों को दूर करने हेतु चलाया गया आंदोलन अलीगढ़ आंदोलन के नाम से जाना जाता है।
  • कांग्रेस की स्थापना का विरोध करने के उद्देश्य से इन्होंने बनारस के राजा शिव प्रसाद के साथ मिलकर यूनाइटेड इंडियन पैट्रियॉट्रिक एसोसिएशन की स्थापना की।

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देवबंद आंदोलन (1866)

  • देवबंद आंदोलन की शुरुआत मुहम्मद कासिम ननौतवी एवं रशीद अहमद गंगोही द्वारा की गई थी।
  • यह अंग्रेज़ी विरोधी आंदोलन था। इसने अंग्रेजी शिक्षा तथा पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से मुस्लिम समाज को मुक्त रखने का प्रयास किया।

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