- अलीवर्दी खाँ के पश्चात् 1756 में सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना।
- ‘काल कोठरी की त्रासदी’ (Blackhole Tragedy) सिराजुद्दौला के शासनकाल से जुड़ी है।
- अंग्रेज़ इतिहासकार जेड हॉलवेल के अनुसार नवाब सिराजुद्दौला ने 20 जून, 1756 की रात 146 अंग्रेज़ों को एक छोटी सी कोठरी में बंद कर दिया था।
- अगले दिन सुबह 146 में से केवल 23 व्यक्ति ही जीवित बचे थे।
- 23 जून, 1757 को प्लासी का युद्ध अंग्रेज़ सेनापति रॉबर्ट क्लाइव और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ,
- जिसमें मीर जाफ़र के विश्वासघात के कारण नवाब पराजित हुआ और मीर जाफ़र के पुत्र मीरन द्वारा नवाब को मार डाला गया।
- प्लासी के युद्ध में मोहनलाल एवं मीर मदान के नेतृत्व में एक छोटी सी सेना नवाब की वफादार रही।
- प्लासी के युद्ध के पश्चात् अंग्रेज़ों ने मीर जाफ़र को नवाब बनाया।
- मीर जाफ़र ने नवाबी प्राप्त होने की खुशी में कंपनी को बंगाल, बिहार, उड़ीसा में मुक्त व्यापार का अधिकार तथा 24 परगना की ज़मींदारी प्रदान की।
- 1760 में मीर जाफ़र को हटाकर मीर कासिम को अंग्रेज़ों ने बंगाल का नवाब बनाया।
- मीर कासिम ने अंग्रेज़ों को वर्धमान, मिदनापुर तथा चटगाँव की ज़मींदारी दी।
- मीर कासिम ने बंगाल की राजधानी को मुर्शिदाबाद के स्थान पर मुंगेर स्थानांतरित कर दिया।
- ‘दस्तक’ के दुरुपयोग के मुद्दे पर अंग्रेज़ों और मीर कासिम के बीच टकराव शुरू हुआ जिसकी परिणति बक्सर के युद्ध के रूप में हुई।
- बक्सर का युद्ध 22 अक्तूबर, 1764 को अंग्रेज़ों एवं मीर कासिम,
- अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुगल सम्राट शाह आलम-II की संयुक्त सेनाओं के बीच हुआ।
- इस युद्ध में अंग्रेज़ विजयी हुए। इस युद्ध में अंग्रेज़ों का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
- बक्सर के युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफ़र था।
- जबकि बंगाल का गवर्नर वेंसीटार्ट था। अंग्रेज़ों के लिये यह सर्वाधिक निर्णायक युद्ध था।
- क्लाइव ने मुगल बादशाह शाहआलम द्वितीय के साथ इलाहाबाद की प्रथम संधि (12 अगस्त, 1765) की जिसके तहत मुगल बादशाह ने ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल, बिहार, उड़ीसा की दीवानी प्रदान की।
- इसके पश्चात् बंगाल में ‘द्वैधशासन’ (1765-1772) की शुरुआत हुई जिसे वारेन हेस्टिंग्स ने 1772 में समाप्त कर दिया।
- द्वैधशासन का जनक लियो कार्टिस को माना जाता है।
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