शिवाजी (1627-1680)
- जन्म- 1627 में, शिवनेर, जुन्नार में।
- पिता- शाह जी, माता- जीजाबाई, गुरु-रामदास, संरक्षक-दादा कोंड देव।
- शिवाजी के जीवन पर उनकी माता जीजाबाई का सर्वाधिक प्रभाव था।
- 1644 में सर्वप्रथम तोरण नामक किले पर अधिकार किया।
- 1656 में रायगढ़ को राजधानी बनाया।
- शिवाजी ने 1659 में बीजापुर के सेनानायक अफज़ल खाँ को बहादुरी से मार डाला।
- 1665 में पुरंदर की संधि (शिवाजी और मुगल सेनापति जयसिंह के बीच) हुई।
- 1674 में शिवाजी ने रायगढ़ में वाराणसी के प्रसिद्ध विद्वान श्री गंगाभट्ट द्वारा अपना राज्याभिषेक करवाया।
- शिवाजी ने ‘हैन्दव धर्मोद्धारक’ तथा ‘क्षत्रीय कुलावतंस’ की उपाधि धारण की।
शिवाजी का प्रशासन
केंद्र में आठ मंत्रियों की परिषद् थी जिसे ‘अष्टप्रधान’ कहते थे। इनकी स्थिति सचिवों की तरह थी। ये थे
- पेशवा- संपूर्ण प्रशासन का पर्यवेक्षण और निरीक्षण
- अमात्य या मजूमदार- वित्त मंत्री
- वाकयानवीस- दरबारी कार्यों का रिकॉर्ड
- चिटनीस या सुरुनवीस- पत्राचार विभाग रखना
- सेनापति या सर-ए-नौबत सेना का नेतृत्व
- दबीर या सुमंत- विदेश विभाग
- पंडितराव या दानाध्यक्ष- धार्मिक मामलों में छत्रपति को सलाह देना
- न्यायाधीश- न्याय विभाग का प्रमुख
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चौथ
- चौथ एक प्रकार का मराठा कर था, जिसमें संबंधित राज्य को अपने भू-राजस्व का 25 प्रतिशत देना पड़ता था। इसकी वसूली ‘कामविशदार’ करता था।
सरदेशमुखी
- वस्तुतः छत्रपति महाराष्ट्र क्षेत्र का सरदेशमुख होने के नाते विजित क्षेत्र से उसके कुल राजस्व का 10 प्रतिशत सरदेशमुखी के रूप में प्राप्त करता था।
- शिवाजी सैनिकों को नकद वेतन देते थे, किंतु निश्चित रकम के बदले भूमि एवं गाँव देने की चली आ रही प्रथा ‘मोकासा’ को पूर्णतः समाप्त नहीं किया गया।
- शिवाजी के पास एक नौसेना भी थी जिसका मुख्यालय कोलाबा में था।
शिवाजी की मृत्यु के बाद दक्षिण भारत
- 1689 में औरंगज़ेब के अधिकारी मुकर्रब खाँ ने संघमेश्वर पर छापा मारकर शम्भाजी को गिरफ्तार कर लिया। शाहू एवं उसकी माँ भी गिरफ्तार हो गई।
- औरंगज़ेब ने शम्भाजी को मौत के घाट उतार दिया।
- शम्भाजी की मृत्यु के बाद उसके छोटे भाई राजाराम ने मराठाओं का नेतृत्व किया।
- 1700 में राजाराम की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी ‘ताराबाई’ ने कमान सँभाली और अपने पुत्र शिवाजी द्वितीय को छत्रपति घोषित किया।