दिल्ली सल्तनत की स्थापना के पूर्व की राजनीतिक स्थिति

अरबों का सिंध पर आक्रमण

  • मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में अरबों ने भारत पर पहला सफल आक्रमण किया (712)।
  • ‘चचनामा’ (फतहनामा सिंध) से अरबों के आक्रमण के विषय में पर्याप्त जानकारी मिलती है।

तुर्कों का आक्रमण

  • गजनवी वंश (यामिनी वंश) का संस्थापक अलप्तगीन था। उसने गजनी को अपनी राजधानी बनाया।
  • अलप्तगीन का दामाद सुबुक्तगीन था। वह प्रथम तुर्की था जिसने हिंदूशाही शासक जयपाल को पराजित किया।

महमूद गजनवी

  • सुबुक्तगीन की विजयों से उत्साहित होकर उसके पुत्र महमूद गजनवी ने 1000 से 1027 तक भारत पर 17 बार आक्रमण किया।
  • महमूद गजनवी ने 1025 में गुजरात स्थित सोमनाथ (शिव) मंदिर पर आक्रमण किया। उस समय गुजरात का शासक भीम-I था।
  • ‘किताबुल-उल-हिंद’ का लेखक ‘अलबरूनी’ महमूद गजनवी के साथ भारत आया।
  • ‘शाहनामा’ का लेखक फिरदौसी भी उसका दरबारी कवि था।
  • उत्बी और फार्रुखी भी महमूद गजनवी के दरबार से संबंधित थे।
  • महमूद गजनवी ने एक तरफ संस्कृत मुद्रालेख तथा दूसरी तरफ अरबी मुद्रालेख के साथ चाँदी के सिक्के निर्गत किये।
  • 1030 ई. में महमूद गजनवी की मृत्यु हो गई।

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शिहाबुद्दीन उर्फ मुइजुद्दीन मुहम्मद गौरी

  • 12वीं सदी के मध्य में गौरी वंश का उदय हुआ।
  • गौरी साम्राज्य का आधार उत्तर-पश्चिम अफगानिस्तान था।
  • मुहम्मद गौरी ने भारत में तुर्क राज्य की स्थापना की।
  • मुहम्मद गौरी का प्रथम आक्रमण 1175 में मुल्तान पर हुआ था।
  • मुल्तान से आगे बढ़ते हुए उसने गुजरात पर आक्रमण किया किंतु गुजरात के शासक भीम-II के हाथों पराजित होना पड़ा।
  • 1191 में तराइन के प्रथम युद्ध में पृथ्वीराज-III ने मुहम्मद गौरी को पराजित किया।
  • 1192 में गौरी पूरी तैयारी के साथ आया और तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज-III को पराजित किया।
  • मुहम्मद गौरी के सिक्कों पर एक ओर कलमा तथा दूसरी ओर लक्ष्मी की आकृति अंकित मिली है।
  • मुहम्मद गौरी द्वारा विजित भारतीय साम्राज्य का स्वामी उसका सबसे महत्त्वपूर्ण गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक था।

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