प्रायद्वीपीय भारत के पर्वत

अरावली श्रेणी

  • यह विश्व के प्राचीनतम पर्वतों में से एक है। इसे अवशिष्ट पर्वत भी कहा जाता है।
  • यह श्रेणी उत्तरी गुजरात के पालनपुर से प्रारंभ होकर अजमेर होते हुए दिल्ली तक लगभग 800 किमी. के क्षेत्र में फैली है।
  • दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर इसकी ऊँचाई क्रमशः कम होती जाती है। दिल्ली के पास यह लगभग समतल है।
  • अरावली का सर्वोच्च शिखर माउंट आबू स्थित गुरु शिखर है,जिसकी ऊँचाई 1722 मी. है।
  • यहाँ सीसा, तांबा, जस्ता, एसबेस्टस, अधक, संगमरमर, चूना पत्थर आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
  • इस क्षेत्र में अवस्थित खेतड़ी से ताथा सिंधु सभ्यता के भी पहले से ही निकाला जाता रहा है।

विंध्यन श्रेणी

  • यह श्रेणी विध्यन, भांडेर, कैमूर श्रेणी के रूप में गुजरात से लेकर बिहार तक फैली हुई है।
  • विध्यन श्रेणी के दक्षिण में प्रशन के कारण नर्मदा प्रश घाटी का निर्माण हुआ है। अतः इसे विध्यन कगार के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह श्रेणी दक्षिण भारत को उत्तर भारत से अलग करती है।

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सतपुड़ा श्रेणी

  • इस श्रेणी को गुजरात में राजपीपला, मध्य प्रदेश में महादेव एवं छत्तीसगढ़ में मैकाल श्रेणी के रूप में जाना जाता है।
  • यह नर्मदा एवं ताप्ती की भ्रंश घाटियों के मध्य स्थित है। अतः यह एक प्राचीन ब्लॉक पर्वत है।
  • इस श्रेणी पर अमरकंटक का पठार स्थित है जहाँ से नर्मदा तथा सोन जैसी नदियाँ निकलती है।
  • सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला काफी हद तक अपरदित है और इसकी शृंखला टूटी हुई है।
  • इसकी सर्वोच्च चोटी ‘धूपगढ़’ तथा पंचमढ़ी हिल स्टेशन महादेव श्रेणी में अवस्थित है।
  • पंचमढ़ी सतपुड़ा की रानी के नाम से प्रसिद्ध है।

पश्चिमी घाट

  • पश्चिमी घाट पर्वत वास्तविक पर्वत न होकर एक कगार है। अतः इसकी पश्चिमी ढाल काफी तीव्र है।
  • यह श्रेणी उत्तर में तापी नदी घाटी से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक क्रमबद्ध रूप से फैली हुई है।
  • पश्चिमी घाट के कई स्थानीय नाम हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसे सहयाद्रि, तमिलनाडु में नीलगिरि, करल तथा तमिलनाडु की सीमा पर अन्नामलाई और कार्डामम नाम से जानते हैं।
  • दक्षिण से उत्तर की ओर सामान्यतः इसकी ऊँचाई कम होती जाती है।
  • पश्चिमी घाट एवं पूर्वी घाट के मिलन स्थल पर नीलगिरि की पहाड़ी एक गाँठ के रूप में मौजूद है, जो तमिलनाडु, कर्नाटक तथा केरल राज्य की सीमा पर अवस्थित है। इसकी सर्वोच्च चोटी दोदाबेटा (2,637 मी.) है।
  • नीलगिरि पर्वत श्रेणी पर ऊटकमंडलम या ऊँटी अवस्थित है।
  • नीलगिरि के दक्षिण में पश्चिमी घाट का विस्तार ‘अन्नामलाई’ एवं ‘कार्डेमम’ पहाड़ी के रूप में है।
  • दक्षिण भारत की सर्वोच्च चोटी ‘अनाईमुडी’ (2,695 मी.) अन्नामलाई पर्वत पर स्थित है। यह केरल राज्य में अवस्थित है।
  • पश्चिमी घाट की प्रमुख पर्वत चोटियाँ- कलसुबाई, महाबलेश्वर, कुद्रेमुख तथा पुष्पगिरि हैं।
  • अन्नामलाई के पूर्व में पालनी की पहाड़ी है जिस पर कोडाईकनाल नामक हिल स्टेशन है।
  • पश्चिमी घाट कृष्णा, कावेरी तथा तुंगभद्रा नदियों का उद्गम स्थल है।
  • बालाघाट श्रेणी, हरिश्चंद्र श्रेणी तथा सतमाला पहाड़ियाँ महाराष्ट्र अवस्थित हैं।
  • थाल घाट दर्रे से मुंबई-नागपुर-कोलकाता रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग गुज़रते हैं।
  • भोर घाट से मुंबई-पुणे- बेलगाँव-चेन्नई रेलमार्ग व सड़क मार्ग गुज़रते हैं।
  • पाल घाट दर्रे से कालीकट-त्रिचूर-कोयंबटूर रेल व सड़क मार्ग गुजरते हैं।

पूर्वी घाट

  • यह एक प्राचीन मोड़दार अवशिष्ट पर्वत है जिसकी ऊँचाई पश्चिमी घाट की तुलना में कम है।
  • इसकी सर्वोच्च चोटी आंध्र प्रदेश में स्थित जिंधगाडा (Jindhagada ) (1690 मीटर) तथा अन्य महत्त्वपूर्ण चोटी महेंद्रगिरि (तमिलनाडु) है।
  • इस श्रेणी का काफी अपरदन हो चुका है।
  • पूर्वी घाट पर्वत पर मलयगिरि, गढ़जात, नियामगिरि (ओडिशा);नल्लामल्लाई, पालकोंडा (आंध्र प्रदेश); जाबादी, शेवरॉय, मेलागिरि(तमिलनाडु) प्रमुख पहाड़ियाँ हैं। मेलागिरि पहाड़ी चंदन वनों के लिये विख्यात है।

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