- अंटार्कटिका विश्व का पाँचवां बड़ा महाद्वीप है, इसे ‘निर्जन महाद्वीप’ भी कहते हैं क्योंकि वर्षभर बर्फ से ढँके होने के कारण यहाँ स्थायी निवास का अभाव पाया जाता है। इसे ‘श्वेत महाद्वीप’ भी कहते हैं।
- यहाँ की ‘क्वीन ऑफ मॉड श्रेणी’ अंटार्कटिका को दो भागों में वर्गीकृत करती है।
- माउंट एरेबुस शिखर एक सक्रिय ज्वालामुखी शिखर है।
- एल्सबर्थ पर्वत श्रेणी में अंटार्कटिका की सर्वोच्च चोटी ‘विन्सन मैसिफ’ स्थित है।
- ‘पाल्मर प्रायद्वीप’ वर्ष में कुछ समय के लिये बर्फ से मुक्त रहता है। फलतः यहाँ काई व लाइकेन जैसी वनस्पतियों का विकास होता है।
- रॉस सागर व वेडेल सागर अंटार्कटिका में ही स्थित हैं। इस महाद्वीप को ‘गतिशील महाद्वीप’ की भी उपमा दी जाती है क्योंकि बर्फ का प्रसार व पिघलना ऋतु के अनुसार होता रहता है। विश्व का सबसे बड़ा ‘ग्लेशियर ‘लैबर्ट’ यहीं अवस्थित है।
- अंटार्कटिका महाद्वीप को ‘विज्ञान के लिये समर्पित महाद्वीप’ की भी उपमा दी जाती है।
- अंटार्कटिका के तटीय भागों में व्हेल व सार्क प्रमुख स्तनपायी पाये जाते हैं।
- यहीं पर पेंगुइन जैसे न उड़ने वाले पक्षी व क्रिल मछली के झुंड पाए जाते हैं।
- यहाँ के उड़ने वाले पक्षियों में ‘अल्बाट्रोस’ तथा ‘पेट्रल’ पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।
- ओजोन रिक्तीकरण की प्रक्रिया 1985 में सर्वप्रथम अंटार्कटिका के ऊपर नासा के वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाश में लाई गई।
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पर्यावरणीय सचेतता के कारण सीसीएएमएलआर (Commission for the Conservation of Antarctic Marine Living Resources) अक्तूबर 2016 में रॉस सागर को विश्व का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है।