ओशेनिया महाद्वीप

Oceania (ओशिआनिया)
   

ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, मेलानेशिया, माइक्रोनेशिया और पॉलीनेशिया को सम्मिलित रूप से ‘ओशेनिया महाद्वीप’ कहा जाता है। इसमें ‘ऑस्ट्रेलिया’ सबसे बड़ा व ‘नौरू’ सबसे छोटा देश है।

 ऑस्ट्रेलिया

  • ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का विस्तार पूर्णत: दक्षिणी गोलार्द्ध में है। यह एशिया के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप है।
  • इसके उत्तर-पूर्व में ग्रेट बैरियर रीफ व ‘कोरल सागर’, उत्तर-पश्चिम में ‘तिमोर सागर’ तथा दक्षिण-पूर्व में ‘तस्मान सागर’ स्थित है।
  • मकर रेखा ऑस्ट्रेलिया के लगभग मध्य से होकर गुजरती है।
  • ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों में कम वर्षा तथा जल की सीमित उपलब्धता होने से इसे ‘प्यासी भूमि का देश’ भी कहा जाता है।
  • ऑस्ट्रेलिया को भौगोलिक विशेषताओं के आधार पर निम्न क्षेत्रों में वर्गीकृत कर सकते हैं

पश्चिमी पठारी क्षेत्र

  • ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी क्षेत्रों में मरुस्थलीय या अर्द्ध-मरुस्थल के रूप में पठारी भूमि का विस्तार पाया जाता है।
  • इस पठारी क्षेत्र में गिब्सन, ग्रेट सैंडी व ग्रेट विक्टोरिया मरुस्थल का विस्तार है।
  • ऑस्ट्रेलिया की डार्लिंग रेंज, विक्टोरिया श्रेणी का विस्तार इसी क्षेत्र में हुआ है।
  • कालगूर्ली व कूलगार्डी सोने की खानें इसी क्षेत्र में स्थित हैं।

हमारा YouTube Channel, Shubiclasses अभी Subscribe करें ! 

मध्यवर्ती निम्न भूमि

  • ऑस्ट्रेलिया की मैक्डोनल व मूसग्रेव पर्वत श्रेणी का विस्तार उत्तर-मध्य पठारी क्षेत्र में हुआ है।
  • ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट डिवाइडिंग रेंज व पश्चिमी पठारी क्षेत्र के मध्य, निम्न भूमि का विकास हुआ है।
  • इस मध्यवर्ती निम्न भूमि के अंतर्गत अनेक नदी द्रोणियों का विकास हुआ है।
  • मध्यवर्ती निम्न भूमि क्षेत्र समुद्री प्रभाव से वंचित है तथा आर्द्र हवाएँ यहाँ तक पहुँचते-पहुँचते शुष्क हो जाती हैं, जिससे वर्षा की कमी की स्थिति बनी रहती है लेकिन वर्षा जल की कमी के बावजूद जल संकट की स्थिति नहीं बनती क्योंकि उत्स्रुत कूपों के माध्यम से जलापूर्ति होती रहती है।
  • इन कूपों के विस्तृत क्षेत्र को ‘ग्रेट आर्टेजियन बेसिन’ कहते हैं।

पूर्वी उच्च भूमि/ग्रेट डिवाइडिंग रेंज

  • ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट के लगभग समानांतर केपयॉर्क प्रायद्वीप के दक्षिण में तस्मानिया द्वीप तक पठारी व पर्वतीय स्थलाकृति के रूप में ग्रेट डिवाइडिंग पर्वत श्रेणी का विस्तार है।
  • न्यू साउथ वेल्स प्रांत में स्थित ‘कोस्यूस्को’ (2228 मी.) ऑस्ट्रेलिया की सर्वोच्च चोटी है।
  • ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट डिवाइडिंग पर्वत श्रेणी जल विभाजक का कार्य करती है।
  • ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर विश्व प्रसिद्ध ‘ग्रेट वैरियर रीफ’ का विकास हुआ है।
  • यह संसार की सबसे लंबी प्रवाल भित्ति है। इसकी कुल लंबाई 2,000 किमी. से भी अधिक है।
  • ग्रेट बैरियर रीफ एक प्रकार की अवरोधक प्रवाल भित्ति है। इसे ‘अंडर वाटर गार्डेन’ भी कहते हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया में आने वाले उष्ण कटिबंधीय चक्रवात को ‘विली-विली’ कहते हैं।
  • उत्तर में उष्ण कटिबंधीय घास भूमियों को ‘सवाना’ कहते हैं तथा दक्षिण में मरे-डार्लिंग बेसिन में शीतोष्ण कटिबंधीय घास भूमियाँ ‘डाउंस’ कहलाती हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया में अनेक विचित्र जीव-जंतु पाए जाते हैं। ‘कंगारू’ व ‘वेल्लाबी’ इनमें सबसे प्रसिद्ध हैं। कंगारू तो ऑस्ट्रेलिया का एक प्रतीक बन चुका है। ‘प्लैटिपस’ में पशु व पक्षी दोनों का मिश्रण पाया जाता है। ‘कोआला’ ऑस्ट्रेलिया का एक अन्य विचित्र जानवर है।
  • ‘कूकाबुर्रा’ अपनी विचित्र हँसी के लिये प्रसिद्ध है। इसे ‘लाफिंग जैकास’ भी कहते हैं।
  • वहीं ‘ऐमू’ एक ऐसा पक्षी है, जो तेज चाल से दौड़ सकता है किंतु उड़ नहीं सकता, जबकि ‘लायरबर्ड’ नकल करने में कुशल होने के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

कृषि व पशुपालन

  • गेहूँ यहाँ की प्रमुख फसल है। न्यू साउथ वेल्स व पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया गेहूँ के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
  • मक्का, गन्ना व कपास की खेती प्रमुख रूप से क्वींसलैंड में की जाती है।
  • मर्रे-डार्लिंग बेसिन में भेड़ पालन बृहद् स्तर पर किया जाता है। यहाँ उत्तम प्रजाति की ‘मेरिनो’ भेड़ें पाली जाती हैं।

खनिज तथा उद्योग

  • यहाँ लोहा, मैंगनीज़, बॉक्साइट, टिन व सोना के बड़े-बड़े भंडार मिलते हैं।
  • बॉक्साइट के उत्पादन में ऑस्ट्रेलिया विश्व में प्रथम स्थान रखता है।
  • न्यू साउथ वेल्स कोयले के लिये जबकि पिलबारा लौह अयस्क के उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है।
  • यहाँ का ‘ट्रांस ऑस्ट्रेलियन रेलमार्ग’ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जो सिडनी को पर्थ से जोड़ता है।

न्यूजीलैंड

  • न्यूज़ीलैंड में अनेक द्वीप हैं, जिनमें से दो प्रमुख द्वीप- उत्तरी द्वीप व दक्षिणी द्वीप हैं।
  • ये दोनों द्वीप आपस में कुक जलसंधि द्वारा अलग होते हैं। वहीं ‘फोवियॉक्स जलसंधि’ स्टेवर्ट द्वीप को दक्षिणी द्वीप से अलग करती है।
  • न्यूजीलैंड का दक्षिणी द्वीप क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा द्वीप है।
  • इस पर विस्तृत पर्वतीय क्षेत्र को ‘दक्षिणी आल्प्स’ की संज्ञा दी जाती है। इसकी सर्वोच्च चोटी ‘माउंट कुक’ है।
  • द्वीप के पूर्वी क्षेत्र में जलोढ़ उपजाऊ मृदा से निर्मित मैदान को ‘कैंटरबरी का मैदान’ कहते हैं। शाल
  • न्यूजीलैंड के उत्तरी द्वीप पर ‘वैकाटो नदी’ का प्रवाह होता है जो न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी नदी है।
  • उत्तरी द्वीप के उत्तर-पश्चिमी विस्तार को ऑकलैंड प्रायद्वीप कहते हैं।
  • माओरी जनजाति के लोग न्यूजीलैंड की व्हांगानुई नदी पर निर्भर हैं। इस नदी को ‘जीवित मानव’ का दर्जा प्राप्त है।

प्रशांत महासागरीय द्वीप समूह (Pacific Ocean Islands)

  • प्रशांत महासागरीय द्वीप समूहों को तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है- माइक्रोनेशिया, पॉलीनेशिया, मेलानेशिया।

माइक्रोनेशिया

  • फिलीपीन्स के पूर्व में स्थित इस प्रदेश के अंतर्गत प्रमुख द्वाप समूह समाहित हैं- उत्तरी मेरियाना, कैरोलीन, मार्शल व गिल्बर्ट द्वीप।
  • माइक्रोनेशिया का सबसे बड़ा द्वीप ‘पोन्पेई’ (Pohnpei) है। ‘बिकिनी द्वीप’ भी माइक्रोनेशिया द्वीप समूह के मार्शल द्वीप में शामिल है।
  • किरिबाती संघीय राज्य की राजधानी ‘तरावा’ है तथा नौरू संघीय राज्य की राजधानी ‘यारेन डिस्ट्रिक्ट’ है।
  • इन दोनों द्वीपों पर फॉस्फेट के निक्षेप बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं।

पॉलीनेशिया

  • त्रिभुज के आकार में फैला यह क्षेत्र मेलानेशिया व माइक्रोनेशिया के पूर्व में स्थित है।
  • इसमें अनेक छोटे-छोटे द्वीप समूह शामिल हैं, जैसे 11 हवाई, तुवालू, ईस्टर, फ्रेंच पॉलिनेशिया, कुक, ताहिती, पिटकैर्न आदि।
  • इन द्वीपों को ‘हरी मणि’ कहते हैं।
  • तुवालू जो वर्तमान में UNO का सदस्य देश है, विश्व के सबसे  छोटे देशों में से एक है। इसकी राजधानी ‘फुनाफुटी’ है।
  • मेलानेशिया प्रशांत महासागर के पश्चिम में स्थित है। इस क्षेत्र के अंतर्गत न्यू गिनी, सोलोमन, वानुआतु, न्यू कैलेडोनिया, तथा फिजी शामिल हैं।
  • फिजी गन्ने की कृषि के लिये विश्व प्रसिद्ध है। इसकी राजधानी सूवा है।

Leave a comment