- जिस समय मगध के राजा अपना साम्राज्य बढ़ा रहे थे उसी समय ईरान के हखमनी शासक भी अपना राज्य विस्तार कर रहे थे।
- भारत पर प्रथम विदेशी आक्रमण इन्हीं हखमनी शासकों द्वारा किया गया।
- पहला सफल आक्रमण डेरियस प्रथम द्वारा किया गया।
- सिंधु के लिये हिंदू नाम का आरंभ ईरानियों ने ही किया तथा उन्हीं की लेखन पद्धति आगे चलकर ‘खरोष्ठी’ नाम से प्रचलित हुई।
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सिकंदर का आक्रमण
- ईरान को जीतने के बाद सिकंदर काबुल की ओर बढ़ा जहाँ से खैबर दर्रा पार करते हुए वह 326 ई.पू. में भारत आया।
- उसका सेनापति सेल्यूकस निकेटर था।
- सबसे पहले उसने तक्षशिला को जीता जिसके शासक आंभि ने न केवल सिकंदर के सामने आत्मसमर्पण किया, बल्कि उसका सहयोग करने का भी वादा किया।
- आगे सिकंदर की लड़ाई पोरस हुई। झेलम नदी के तट पर लड़े गए युद्ध को वितस्ता (झेलम) का युद्ध या हाइडेस्पीज के नाम से जाना जाता है। युद्ध के
- यद्यपि सिकंदर ने पोरस को पराजित किया था किंतु उसकी बहादुरी से प्रभावित होकर उसने उसका राज्य उसे वापस लौटा दिया।
- सिकंदर ने निकैया तथा झेलम के तट पर बुकेफाल नगर को स्थापित किया।
- गांधार शैली के विकास में भी यूनानियों का योगदान है।
- सिकंदर के साथ नियार्कस, ऑनेसिक्रिटस और ऑरिस्टोबुलस जैसे लेखक भी आए जिन्होंने भारत के विषय में अपने विचारों को लिपिबद्ध किया जो कि इस काल के इतिहास निर्माण के लिये अत्यंत उपयोगी है। 323 ई.पू. में बेबीलोन में सिकंदर की मृत्यु हो गई।