वायुदाब | Air Pressure
- धरातल या सागर तल के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर वायुमंडल की समस्त परतों के द्वारा पड़ने वाले भार को ‘वायुदाब’ कहते हैं।
- समान वायुदाब वाले क्षेत्रों को मिलाने वाली रेखा को समदाब रेखा (Isobar) कहते हैं। इन रेखाओं की परस्पर दूरियाँ वायुदाब की दाब प्रवणता (Pressure Gradient) को दर्शाती हैं।
- पृथ्वी तल पर सर्वाधिक वायुदाब होता है तथा ऊँचाई के साथ यह घटता जाता है।
- इसकी माप मिलीबार में की जाती है।
- वायुदाब | Air Pressure का मापन करने वाला यंत्र वायुदाबमापी या बैरोमीटर कहलाता है।
- वायुदाब का घटना-बढ़ना कई कारकों, यथा-वायु का ताप, ऊँचाई, जलवाष्प की मात्रा, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल, पृथ्वी की दैनिक गति आदि द्वारा प्रभावित होता है।
- जलवाष्प की मात्रा बढ़ने पर वायुदाब में कमी आ जाती है।
- जब वायुमंडल का दाब सहसा कम हो जाए तो तूफान की दशाएँ उत्पन्न हो जाती हैं।
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वायुदाब की पेटियाँ
- वायुमंडलीय दाब के अक्षांशीय वितरण के आधार पर पृथ्वी पर चार मुख्य वायुदाब कटिबंध पाए जाते हैं, जो हैं- विषुवताय निम्न (भूमध्यरेखीय) वायुदाब कटिबंध, उपोष्ण उच्च वायुदाब कटिबंध,तथा उपध्रुवीय निम्न वायुदाब कटिबंध तथा ध्रुवीय उच्च वायुदाब कटिबंधा
- विषुवतीय निम्न वायुदाब पेटी विषुवत् रेखा के लगभग 5° उत्तरी 5° दक्षिणी अक्षांशों के मध्य फैली है।
- वायुमंडलीय शांत दशाओं के कारण इस कटिबंध को ‘डोलड्रम’ या शांत कटिबंध कहते हैं।
- यही क्षेत्र ‘अंतःउष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र’ (ITCZ) का भी है।
- उपोष्ण उच्च वायुदाब कटिबंध लगभग 300 से 35° उत्तरी और दक्षिणी अक्षांशों के मध्य फैला है।
- अत्यधिक शुष्क और शांत पवनों के कारण ये शीतोष्ण मरुस्थलों के निर्माण में सहायक होते हैं। इस कटिबंध को ‘अश्व अक्षांश’ भी कहते हैं।
- उपध्रुवीय निम्न वायुदाब की पेटी 60°-65° अक्षांशों के मध्य दोनों गोलाद्धों में फैली है।
- यहाँ निम्न वायुदाब पाए जाने का कारण पृथ्वी के घूर्णन से संबंधित है।
- ध्रुवीय क्षेत्रों में अत्यधिक निम्न तापमान के कारण उच्च वायुदाब पेटी का विकास होता है।