राजभाषा-संवैधानिक उपबंध

अनुच्छेद 343 : संघ की राजभाषा

अनुच्छेद 344 : राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति

अनुच्छेद 345 : राज्य की राजभाषा या राजभाषाएँ

अनुच्छेद 346 : एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा

अनुच्छेद 347 : किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के संबंध में विशेष उपबंध

अनुच्छेद 348 : न्यायालयों (उच्चतम व उच्च) की भाषा

अनुच्छेद 349 : भाषा से संबंधित कुछ विधियाँ अधिनियमित करने के लिये विशेष प्रक्रिया

अनुच्छेद 350 : व्यथा के निवारण के लिये अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा

अनुच्छेद 350क : प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएँ

अनुच्छेद 350ख : भाषायी अल्पसंख्यक वर्गों के लिये विशेष अधिकारी

अनुच्छेद 351 : हिंदी भाषा के विकास के लिये निदेश

संविधान की 8वीं अनुसूची (भाषा संबंधित) में 14 भाषाओं को सम्मिलित किया गया था, परंतु विभिन्न संशोधनों के बाद अब इनकी संख्या 22 है।

21 वाँ संविधान संशोधन – सिंधी

71वाँ संविधान संशोधन – कोंकणी, मणिपुरी एवं नेपाली

92वाँ संविधान संशोधन – डोगरी, बोडो, मैथिली एवं संथाली को जोड़ा गया।

संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाएँ

  1. असमिया, 2. बांग्ला, 3. गुजराती, 4. हिंदी, 5. कन्नड़,16. कश्मीरी, 7. कोंकणी, 8. मलयालम, 9. मणिपुरी, 10, मराठी, 11, नेपाली, 12. ओडिया, 13. पंजाबी, 14. संस्कृत, 15. सिंधी, 16. तमिल, 17. तेलुगू, 18. उर्दू, 19. डोगरी, 20. बोडो, 21, मैथिली, 22. संथाली अभी तक तमिल (2004), संस्कृत (2005), तेलुगू (2008), कन्नड़ (2008), मलयालम (2013) व ओडिया (2014) को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा दिया जा चुका है।

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संघ की राजभाषा

  • संविधान के अनुच्छेद-343 के अनुसार संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी भाषा (देवनागरी लिपि) को स्वीकार किया गया है व संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिये प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप होगा। ध्यान देने योग्य है कि हिंदी को संविधान में राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं है।
  • अनुच्छेद 343(2) के अनुसार व्यवस्था की गई थी कि संविधान के प्रारंभ होने से 15 वर्षों की अवधि तक शासकीय प्रयोजनों के लिये अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग होता रहेगा।
  • अनुच्छेद 343 (3) में संसद को शक्ति दी गई है कि वह विधि बनाकर 15 वर्षों के पश्चात् भी अंग्रेज़ी भाषा एवं अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप को शासकीय प्रयोजनों में प्रयोग करे।

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