भारतीय ध्वज संहिता (Indian Flag Code)
- भारतीय ध्वज संहिता (Indian Flag Code) को देश में राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग प्रदर्शन और फहराने के निर्देशों के एक व्यापक सीट के रूप में देखा जाता है
- जिसे Flag code of India 2002 के नाम से भी जाना जाता है
- भारतीय ध्वज संहिता में राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के सभी कानूनों परंपराओं प्रथाओं और निर्देशों को एक साथ रखा गया है
- भारतीय ध्वज संहिता में निजी सार्वजनिक और सरकारी संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन का विवरण है
- यह 26 जनवरी 2002 से प्रभावी है
- राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन संप्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग के निवारण) अधिनियम 1950 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के अंतर्गत रखा गया है
राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971–
- धारा 2: कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी ऐसे स्थान पर जो सार्वजनिक रूप से दृष्टिगोचर हो राष्ट्रीय झंडे या भारत के संविधान या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है निरूपित करता है दूषित करता है कुरूपित करता है कुचलता है या अन्यथा (मौखिक या लिखित शब्दों में अथवा कृतियों द्वारा) अपमान करता है उसे 3 वर्ष तक के कारावास से या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा
- स्पष्टीकरण 1–भारत के संविधान में संशोधन करने या विधि सम्मत तरीके से भारतीय राष्ट्रीय झंडे में परिवर्तन करने की दृष्टि से सरकार के किसी उपाय की आलोचना या अस्वीकृत व्यक्त करते हुए की गई कोई टिप्पणी इस धारा के अंतर्गत अपराध नहीं बनती
इसके तीन भाग हैं–
- भाग 1– समान्य विवरण
- भाग 2– आम जनता ,निजी संगठन ,शैक्षणिक संस्थान के लिए फहराने संबंधी नियम
- भाग 3– केंद्र ,राज्य सरकार और संगठन व एजेंसियों के लिए नियम
ध्वज की विशेषताएं:
- तीन रंगों की पट्टियां–( केसरी, सफेद ,हरा)
- समान चौड़ाई ,आयताकार
- नेवी ब्लू रंग का अशोक चक्र (24 तिलिया )
- स्क्रीन प्रिंटेड ,छपा हुआ ,कढ़ा हुआ
- राष्ट्रीय ध्वज हाथ से कता हुआ और हाथ से बनाए गए ऊनी ,सूती ,सिल्क ,खादी कपड़े से बना होगा
- झंडे की लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3:2 है
क्या बदलाव किए गए भारतीय ध्वज संहिता में ?
- 30 दिसंबर 2021 के आदेश द्वारा संशोधन पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को अनुमति दी गई
- हाथ से काते हुए ,हाथ से बुने हुए या मशीन से बने हुए कपास ,पॉलिएस्टर ,उन, रेशम ,खादी से निर्माण किया जा सकता है ।
- आयात को अनुमति दे दी गई है |
- 24 घंटे झंडा फहराने की अनुमति प्रदान की गयी है अभी तक सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही अनुमति थी |
बदलाव का कारण–
- 76 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत सरकार द्वारा ‘हर घर तिरंगा‘ नाम से एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है जो कि 13 अगस्त से 15 अगस्त तक चलेगा।
- इस अभियान के द्वारा देश के हर घरों में तिरंगा फहराने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है
- इस अभियान के द्वारा देश में 20 करोड़ से अधिक घरों में तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा गया है
- किफायती दाम और ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से बड़े पैमाने पर झंडे को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
- आप HARGHARTIRANGA.COM पर जाकर अपने लोकेशन को पिन भी कर सकते हैं सेल्फी के साथ |
विरोध का कारण–
- तिरंगे, स्वतंत्रता आंदोलन और खादी के बीच संबंध बनाए रखने के लिए
- तिरंगे के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए
- हर घर चीन का तिरंगा होगा
- 2019 में मशीन से बने झंडे के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए
- पॉलिस्टर के झंडे भी जीएसटी से मुक्त होंगे इसलिए विरोध किए जा रहे हैं
कर्नाटक खादी ग्राम उद्योग संयुक्त संघ (KKGSS)–
- 2006 में आई एस आई प्रमाणन और पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज को बेचने के लिए अधिकृत
- KKGSS पूरे देश में तिरंगे के एकमात्र निर्माता और आपूर्तिकर्ता के रूप में प्रमाणित
राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास–
- पहला राष्ट्रीय ध्वज : 7 अगस्त 1907 को कोलकाता में पारसी बागान स्क्वायर पर फहराया गया जिसे सचिंद्र प्रसाद बोस और हेमचंद कानूनगो ने डिजाइन किया था
- वर्ष 1907 : मैडम भीकाजी कामा और निर्वासित क्रांतिकारियों के समूह द्वारा वर्ष 1907 में जर्मनी में भारतीय ध्वज फहराया गया जो विदेशी भूमि में फहराया जाने वाला पहला भारतीय ध्वज था।
- वर्ष 1917 : डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक द्वारा होम रूल आंदोलन के दौरान एक नए झंडे को अपनाया गया। यह पाँच वैकल्पिक लाल रंग एवं चार हरी क्षैतिज पट्टियों में मिलकर बना था जिसमें सप्तऋषि विन्यास में सात सितारे थे। इस संयुक्त ध्वज में एक सफेद एवं अर्द्धचंद्राकार तारा ध्वज़ के शीर्ष कोने पर विद्यमान था।
- 1921 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (बेजवाड़ा) इस ध्वज को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था
- वर्ष 1931: कॉन्ग्रेस समिति की कराची में बैठक में तिरंगे को (पिंगली वेंकैया द्वारा प्रस्तावित) भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया। ध्वज के लाल रंग को केसरी रंग से बदल दिया गया एवं रंगों का क्रम बदला गया। इस ध्वज की कोई धार्मिक व्याख्या नहीं की गई थी।
- संविधान सभा द्वारा 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज के प्रस्ताव को अपनाया गया ।
- इस प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘भारत का राष्ट्रीय ध्वज गहरे केसरिया (केसरी), समान अनुपात में सफेद और गहरा हरे रंग का तिरंगा होगा’ सफेद पट्टी में गहरे नील रंग का चक्र (चरखे द्वारा प्रतिस्थापित) है , जो अशोक की सारनाथ स्थित राजधानी के सिंह स्तंभ पर उपस्थित है।
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परीक्षा दृष्टि प्रश्न -:
प्रश्न: भारत के राष्ट्रीय ध्वज की लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात है –
उत्तर: 3:2
प्रश्न: स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज का डिजाईन किसने तैयार किया है ?
उत्तर: पिंगाली वेंकैया ने
प्रश्न: भारत के राष्ट्रीय ध्वज के मध्य बने धर्म चक्र का रंग क्या है ?
उत्तर: गहरा नीला
प्रश्न: भारत के राष्ट्रीय ध्वज के चक्र में कितनी तीलियाँ हैं ?
उत्तर: 24
प्रश्न: भारत के राष्ट्रीय ध्वज की चौड़ाई और लम्बाई का अनुपात कितना है :
उत्तर: 2:3