परमाणु
- किसी तत्त्व की वह सूक्ष्मतम आधारभूत और रचनात्मक इकाई (कण), जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग तो लेती है, परंतु स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकती है, उसे ‘परमाणु’ कहते हैं। स्वतंत्र अवस्था में न रह पाने के कारण परमाणु, अणु अथवा आयन का निर्माण करते हैं। परमाणु इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन कणों मिलकर बनता है।
अणु
- किसी तत्त्व अथवा यौगिक का वह सूक्ष्मतम कण है, जो स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में रह सकता है तथा उस यौगिक के सभी गुणधर्म को प्रदर्शित करता है।
परमाणु संख्या
किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को ‘परमाणु संख्या’ कहते हैं। चूँकि किसी तत्त्व के सभी परमाणु एकसमान होते हैं। अतः एक ही तत्त्वों के सभी परमाणु की परमाणु संख्या एकसमान होती है।
द्रव्यमान संख्या
परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों एवं न्यूट्रॉनों के सम्मिलित संख्या को द्रव्यमान संख्या कहते हैं।
परमाणु संख्या (z)= परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या=उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या
द्रव्यमान संख्या (A)= प्रोटॉनों की संख्या (z) + न्यूटॉनों की संख्या (n)
समस्थानिक (Isotopes)
- किसी तत्त्व के ऐसे परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान, परंतु द्रव्यमान संख्या अलग-अलग हो। वे समस्थानिक कहलाते हैं।
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समभारिक (Isobars)
- समान परमाणु द्रव्यमान तथा भिन्न परमाणु क्रमांक के परमाणुओं को ‘समभारिक’ कहते हैं।
समन्यूट्रॉनिक (Isotones)
- अलग-अलग तत्त्वों के परमाणु जिनमें न्यूट्रानों की संख्या समान होती है, ‘समन्यूट्रॉनिक’ कहलाते हैं
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत
- द्रव्य अविभाज्य परमाणुओं से बना है।
- एक तत्त्व के परमाणु, द्रव्यमान तथा गुणधर्मों में समान होते हैं।
- अलग-अलग तत्त्वों के परमाणु द्रव्यमान में भिन्न होते हैं।
- रासायनिक अभिक्रियाओं के द्वारा परमाणु न तो उत्पन्न किये जा सकते हैं और न ही नष्ट, बस उन्हें पुनर्व्यवस्थित किया जा सकता है।
- सन् 1808 में डाल्टन ने अपना परमाणु सिद्धांत प्रस्तुत किया था।
रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल (Atomic model of Rutherford)
- परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान एक अति सूक्ष्म केंद्र में केंद्रित रहता है, जिसे ‘परमाणु नाभिक’ कहते हैं। परमाणु का नाभिक धनावेशित होता है।
- इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्तीय पथ पर बहुत तीव्र गति से गति करते हैं।
- इलेक्ट्रॉन और नाभिक एक-दूसरे से मज़बूत एवं वैद्युत आकर्षण बलों द्वारा बँधे होते हैं।
- सन् 1911 में रदरफोर्ड ने परमाणु नाभिक की खोज की।
बोर का परमाणु मॉडल (Atomic model of Bohr)
- किसी भी परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्तीय पथ पर गति करते हैं। इलेक्ट्रॉन जिस पथ पर गति करते हैं, उसे हम ‘कक्षा’ कहते हैं। (इन्हीं कक्षाओं को ‘ऊर्जास्तर’ भी कहते हैं) कक्षा गति करने वाले इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा समय के साथ नहीं बदलती है।
- परमाणु की सबसे बाहरी कक्षा में अधिकतम 8 इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं।
मैक्स प्लांक क्वांटम सिद्धांत (Max Planck Quantum Theory)
- प्लांक के अनुसार अणु अथवा परमाणु ऊर्जा का उत्सर्जन अथवा अवशोषण सतत् रूप से न कर असतत् (discrete) रूप से करते हैं। ये ऊर्जा का उत्सर्जन विद्युत चुंबकीय विकिरणों के छोटे-छोटे क्वांटा (पैकेट) के रूप में करते हैं।
उत्सर्जित विकिरण के एक क्वांटा की ऊर्जा:
E = hv
h = प्लांक स्थिरांक (constant) = 6.626 × 10-34 जूल-सेकेंड
V= विकिरण की आवृत्ति
परमाणु कक्षकों में इलेक्ट्रॉन का भरा जाना
ऑफबाऊ का नियम (Aufbau Principle)
- कक्षकों को उनकी ऊर्जा के बढ़ते क्रम भरा जाता है।
- इलेक्ट्रॉन सबसे पहले कम ऊर्जा वाले कक्षकों में जाते हैं। जब वह भर जाता है तो अगले कक्षक में प्रवेश करते हैं।