चीन ने खोजें 4300 डायनासोर के फुट प्रिंट ,आखिर चीन ने ऐसा क्या नया खोज लिया?

डायनासोर के फुट प्रिंट सुर्ख़ियों में क्यों है 

हाल ही में चीन के वैज्ञानिकों ने चीन के उत्तरी प्रांत मैं तकरीबन 4300 डायनासोर के फुट प्रिंट खोजें है। इस खोज को वैज्ञानिकों द्वारा डाइनासोर को समझने के लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है और इसी खोज के बाद से ही लगातार शोधकर्ताओं द्वारा इस फूट प्रिंट फॉसिल पर खोज की जा रही है।

 डायनासोर dinosaur

 

चीन ने क्या नया खोज लिया?

वैज्ञानिकों द्वारा चीन के हेवेई प्रांत में 4300 से अधिक डायनासोर के पैरों के निशान खोजे गए हैं चीन से मिले डायनासोर के पदचिन्ह जीवाश्म की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है यह 9000 वर्ग मीटर में फैला हुआ वैज्ञानिको द्वारा ये पदचिन्ह जुरासिक और क्रेटेशियस युगों के बीच का बताया जा रहा है ।

वैज्ञानिको द्वारा बताया जा रहा है कि यह डायनासोर की चार अलग-अलग प्रजातियां के पदचिन्ह हैं, इनमें से एक प्रजाति के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं थी, इसमें शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के डायनासोर के पदचिन्ह मौजूद हैं, पदचिन्ह के माध्यम से बताया जा रहा है कि शाकाहारी डाइनासोर 15 मीटर के होते थे और मांसाहारी डायनासोर चार से पांच मीटर के होते थे, चाइना के इस प्रांत में डाइनासोर की मौजूदगी अधिक थी क्योंकि यहां पर पर्याप्त मात्रा में जल और जंगल मौजूद थे ।

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इस खोज के क्या मायने हैं?

इस खोज से प्राचीन जीवो की गतिविधियों के बारे में जानने के लिए यह पदचिन्ह जीवाश्म वैज्ञानिको के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, डाइनासोर के फूट प्रिंट के माध्यम से उनके व्यवहार को समझा जा सकता है उदाहरण के लिए क्या वह समूह में यात्रा करते थे या अकेले यात्रा करते थे पिछले कुछ अध्ययन से पता चला है कि डाइनासोर के बच्चे हमेशा समूह के बीच में रहते थे इसके साथ यह भी पता चला है कि चलते समय पूछ जमीन से नहीं लगाते थे । इससे डाइनासोर की चाल और गति का भी अनुमान लगाया जा सकता है जैसे यदि पैरों के निशान एक साथ पास हैं तो वे दौड़ रहे थे यदि पैरों के निशान दूर-दूर तक फैले हैं तो वह चल रहे थे उनकी प्रजाति की सटीक पहचान करना मुश्किल है जैसे कि डायनासोर दो पैरों पर चलते थे या चार पर इस आधार पर प्रजातियों का कुछ अनुमान लगाना संभव है। 

पैरों के निशान जीवाश्म कैसे बनें–

संरक्षित पैरों के निशान को इचनाइट्स कहते हैं और ये लाखों वर्षो तक जीवाश्म के रूप में सुरक्षित रहते हैं ।

ऐसे जीवाश्म के लिए भूमि ना अधिक नर्म ना ही कठोर होनी चाहिए यदि भूमि कठोर होगी तो बहुत कम फूट प्रिंट बनेंगे और कुछ ही समय में समाप्त हो जाएंगे यदि भूमि नरम होगी तो फुट प्रिंट विकृत हो जाएंगे फूट प्रिंट बनने के लिए भूमि पर्याप्त नरम और कठोर होनी चाहिए जिससे समय के साथ यह निशान सूख जाएं और सख्त हो जाएं समय के साथ सूखे इन फूट प्रिंट पर धूल जम जाती है, सेडिमेंट की एक परत बन जाती है, मिट्टी के कटाव के कारण यह निशान समय के साथ ऊपर आ जाते हैं।

डायनासोर कौन थे?

डायनासोर सरीसृपों का एक समूह था तकरीबन 140 मिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर मौजूद थे। 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 1545 डायनासोर की प्रजातियां मौजूद थी इन्हे तीन समूह में बांटा गया है । अर्निथिशिया, सरोपोडा और थेरोपोडा।

अर्निथिशिया – शाकाहारी पौधे खाने वाले इनमे से कुछ चार पैरो पर चलते थे और कुछ डो पैरो पर

 सरोपोडा – लम्बी गर्दन वाले जिनका सिर छोटा था और ये सर्वाहरी थे 

 थेरोपोडा – मांसाहारी डायनासोर का समूह था मौजूदा पक्षियों का विकास थेरोपोडा की छोटी प्रजाति से हुआ है  

डायनासोर युग

डायनासोर युग तीन श्रेणियों में विभाजित था 

  1. ट्रायसिक युग 
  2. जुरासिक युग 
  3. क्रिटेशस युग

ट्रायसिक युग (252- 201 मिलियन वर्ष ) – 

सभी महाद्वीप `पैंजिया` नामक एक ही बड़े महाद्वीप का हिस्सा थे, जानवरों और पौधों के बीच अंतर काफी सूक्ष्म था जलवायु अपेक्षाकृत गर्म और शुष्क थी | इसी वातावरण में डायनासोर का विकास हुआ क्योंकि डायनासोर सरीसृप थे और सरीसृप गर्म वातावरण में अधिक विकसित होते थे | उनकी त्वचा स्थनपाई त्वचा की तुलना में कम छिद्रपूर्ण होती थी

युग के अंत में टेकटोनिक गतिविधियों के कारण भूकंप और ज्वालामुखी जिसके वजह से पैंजिया दो हिस्सों में विभाजित हो गया इसके साथ ही सामूहिक विलोपन की घटना हुई जिसकी वजह से लगभग सभी जीव समाप्त हो गये और डायनासोर को विकसित होने का अवसर मिला |

जुरासिक युग (201 – 145 मिलियन वर्ष ) 

पैंजिया लॉरेसिय (उत्तर) और गोंडवाना ( दक्षिण) दो भागों में विभाजित हो गया तापमान बढ़ गया | बारिश की मात्रा बढ़ गयी पेड़ पौधों और घास में वृद्धि होने लगी और  जानवर पहले ही कम थे जिससे सारोपोड्स शाकाहारी डायनासोर  का विकास हुआ 

क्रिटेशस युग ( 145- 66 मिलियन वर्ष )

महाद्वीप और अधिक हिस्सों में विभाजित हो गये जिसकी वजह से डायनासोर अलग – अलग दो हिस्सों में स्वतंत्र तौर पर अलग – अलग विशेषताओं के साथ विकसित हुए | इस युग के बाद डायनासोर का पूरी तरह से अंत हो जाता है | 

 

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