गवर्नर जनरल |
कार्य |
रॉबर्ट क्लाइव( बंगाल का गवर्नर)(1757-60 एवं 1765-67) |
- बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना।
- मुगल सम्राट शाह आलम के साथ इलाहाबाद की द्वितीय संधि।
- इसे ‘स्वर्ग से उत्पन्न सेनानायक’ कहा गया है।
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वारेन हेस्टिंग्स (1772-85) |
- बंगाल का पहला गवर्नर जनरल
- राजकीय कोषागार को मुर्शिदाबाद से कलकत्ता स्थानांतरित किया।
- 1772 में प्रत्येक जिले में एक फौजदारी तथा एक दीवानी अदालतों की स्थापना की।
- बोर्ड ऑफ रेवेन्यू की स्थापना।
- मुगल सम्राट को मिलने वाली ₹26 लाख की वार्षिक पेंशन बंद करवा दी।
- बंगाली ब्राह्मण नंद कुमार पर झूठे मुकदमे का आरोप लगाकर फाँसी की सज़ा दिलवाई।
- एकमात्र गवर्नर जनरल जिस पर इग्लैंड के हाऊस ऑफ कॉमन्स में महाभियोग चलाया गया।
- प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-82), द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780-1784)
- ‘सुरक्षा प्रकोष्ठ’ ( Ring Fence) की नीति वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित है।
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लॉर्ड कार्नवालिस (1786-93 तथा 1805) |
- न्यायिक और कर संबंधी शक्तियों का पृथक्करण
- चार भ्रमणशील अदालतों की स्थापना (3 बंगाल में तथा 1 बिहार में) ।
- 1793 में कार्नवालिस कोड का निर्माण।
- प्रत्येक ज़िले में पुलिस थाने की स्थापना कर दारोगा को इसका इंचार्ज बनाया।
- 1793 में स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था की शुरुआत।
- भारत में सिविल सेवा का जनक।
- कार्नवालिस की कब्र गाजीपुर (उ.प्र.) में है।
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सर जॉन शोर (1793-98) |
- अहस्तक्षेप की नीति का अनुसरण किया।
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लॉर्ड वेलेजली (1798-1805) |
- सहायक संधि प्रणाली का जनक। सहायक संधि स्वीकार करने वाले राज्यों का क्रम- हैदराबाद (1798), मैसूर (1799), तंजौर (1799), अवध (1801), पेशवा (दिस. 1801), बरार एवं भोंसले (1803), सिंधिया (1804) आदि।
- चौथा आंग्ल-मैसूर युद्ध
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सर जॉर्ज वार्लो (1805-1807) |
- 1806 में वेल्लोर में सिपाही विद्रोह।
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लॉर्ड मिंटो प्रथम (1807-1813)
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- रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि (1809)
- 1813 का चार्टर एक्ट।
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लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823) |
- आंग्ल-नेपाल युद्ध, 1816 में संगोली की संधि द्वारा युद्ध का अंत।
- मराठा शक्ति को अंतिम रूप से समाप्त किया।
- पिंडारियों का दमन ।
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लॉर्ड एमहर्स्ट (1823-1828) |
- प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध (1824-1826)।
- 1824 में बैरकपुर विद्रोह ।
- अंग्रेज़ एवं बर्मा के बीच यांडबू की संधि।
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लॉर्ड विलियम बैंटिक (1828-35) |
- 1833 के चार्टर एक्ट के तहत भारत का पहला गवर्नर जनरल
- 1829 में सती प्रथा पर रोक।
- 1830 में कर्नल स्लीमन की सहायता से ठगी प्रथा की समाप्ति।
- 1835 में कलकत्ता में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की।
- शिशु बालिका की हत्या पर प्रतिबंध।
- शिक्षा के संबंध में आंग्ल-प्राच्य विवाद।
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चार्ल्स मेटकॉफ(1835-36) |
- भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता
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लॉर्ड ऑकलैंड (1836-42) |
- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध (1839-42)
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लॉर्ड एलनबरो(1842-1844) |
- सिंध का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय
- दास प्रथा का उन्मूलन (1843) ।
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लॉर्ड हार्डिंग (1844-1848) |
- नरबलि प्रथा का अंत।
- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध (1845-46)।
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लॉर्ड डलहौजी (1848-56) |
- द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध, पंजाब का विलय । द्वितीय आंग्ल-बर्मा युद्ध, 1850 में सिक्किम का विलय ।
- व्यपगत का सिद्धांत (Doctrine of lapse) इसके तहत अंग्रेजी साम्राज्य में विलय किये गए राज्यों का क्रम-सतारा (1848), जैतपुर एवं संभलपुर (1849), बघाट (1850), उदयपुर (1852), झाँसी(1853), नागपुर (1854)
- शिक्षा से संबंधित वुड डिस्पैच को लागू किया।
- भारत में पहली बार रेल चलाई गई (16 अप्रैल, 1853)। कलकत्ता एवं आगरा के बीच तार सेवा की शुरुआत (1853 ) ।
- 1854 में पोस्ट ऑफिस एक्ट, डाक टिकट का प्रचलन।
- सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा लोक सेवा विभाग की स्थापना।
- भारतीय नागरिक सेवा में नियुक्ति हेतु पहली बार प्रतियोगिता परीक्षा की शुरुआत (1855)।
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लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) |
- भारत का अंतिम गवर्नर जनरल एवं भारत का प्रथम वायसराय।
- 1857 का विद्रोह ।
- इंडियन हाईकोर्ट एक्ट के तहत बंबई, कलकत्ता एवं मद्रास में उच्च न्यायालय की स्थापना।
- 1856 में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम।
- 1861 में इंडियन कौंसिल एक्ट पारित तथा पोर्टफोलियो प्रणाली लागू की गई।
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लॉर्ड एल्गिन प्रथम (1862-63) |
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सर जॉन लॉरेन्स (1864-1869) |
- अफगानिस्तान के संबंध में अहस्तक्षेप की नीति अपनाई।
- भारत एवं यूरोप के बीच समुद्री टेलीग्राफ सेवा की शुरुआत।
- हेनरी कैंपबेल के नेतृत्व में अकाल आयोग का गठन।
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लॉर्ड मेयो (1869-1872) |
- 1872 में अजमेर में मेयो कॉलेज तथा कृषि विभाग की स्थापना।
- भारत में जनगणना की शुरुआत (1872)।
- मेयो की हत्या अंडमान निकोबार में कर दी गई थी।
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लॉर्ड नॉर्थब्रुक (1872-76) |
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लॉर्ड लिटन(1876-1880) |
- रिचर्ड स्ट्रेची की अध्यक्षता में अकाल आयोग की स्थापना।
- 1 जनवरी, 1877 को प्रथम दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को ‘कैसर-ए-हिंद’ की उपाधि दी गई।
- 1878 में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट लागू तथा भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित ।
- सिविल सेवा में प्रवेश की आयु 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दी गई।
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लॉर्ड रिपन (1880-84) |
- सिविल सेवा में प्रवेश संबंधी आयु को 19 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष किया।
- स्थानीय स्वशासन की शुरुआत।
- वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया।
- नियमित जनगणना की शुरुआत इसी के शासनकाल से करवाई जाने लगी। (1881)
- 1881 में प्रथम कारखाना अधिनियम पारित किया।
- इल्बर्ट विधेयक लाया (1883)। इस विधेयक के विरोध में अंग्रेज़ों द्वारा श्वेत विद्रोह किया गया।
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लॉर्ड डफरिन (1884-1888) |
- इसके शासनकाल में बंगाल टेनेंसी एक्ट, अवध रेंट एक्ट तथा पंजाब टेनेंसी एक्ट पारित किया गया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना इसी के कार्यकाल में हुई (1885)।
- बर्मा का अंतिम रूप से भारत में विलय कर लिया गया।
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लॉर्ड लैन्सडाउन (1888-1894) |
- भारत एवं अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा का निर्धारण किया गया।
- दूसरा कारखाना अधिनियम (1891) इसी के कार्यकाल में लाया गया।
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लॉर्ड एल्गिन द्वितीय (1894-1898) |
- इसके समय में भारत में भयानक अकाल पड़ा जिसमें लाखों लोग मारे गए।
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लॉर्ड कर्जन (1899-1905) |
- कॉलिन मॉनक्रीफ की अध्यक्षता में सिंचाई आयोग (1901), एंड्रयू फेजर की अध्यक्षता में पुलिस आयोग (1902) तथा मैकडॉनल की अध्यक्षता में अकाल आयोग का गठन।
- सैन्य अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिये क्वेटा में कॉलेज की स्थापना।
- 1902 में टॉमस रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग का गठन और इसकी अनुशंसा के आधार पर 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित।
- 1904 में भारतीय पुरातत्त्व विभाग की स्थापना की।
- बंगाल विभाजन (1905)।
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लॉर्ड मिंटो द्वितीय (1905-1910) |
- मुस्लिम लीग की स्थापना इसी के कार्यकाल में की गई।
- 1907 में कांग्रेस का सूरत में विभाजन।
- मार्ले-मिंटो सुधार अधिनियम इसी के कार्यकाल में लाया गया।
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लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916) |
- 12 दिसंबर, 1911 को दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया तथा यहीं पर बंगाल विभाजन को रद्द करने तथा भारत की राजधानी को कलकत्ता के स्थान पर दिल्ली को बनाने की घोषणा की गई।
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लॉर्ड चेम्सफोर्ड(1916-1921) |
- इसी के कार्यकाल में कांग्रेस का लखनऊ अधिवेशन आयोजित किया गया। जहाँ पर मुस्लिम
- लीग के साथ समझौता संपन्न हुआ।
- 1917 में सैडलर आयोग की नियुक्ति।
- 1919 में रौलेट एक्ट लाया गया।
- जलियाँवाला बाग हत्याकांड एवं ख़िलाफ़त व असहयोग आंदोलन की शुरुआत।
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लॉर्ड रीडिंग (1921-26) |
- भारत का एकमात्र यहूदी वायसराय
- चौरा-चौरी कांड के बाद असहयोग आंदोलन वापस लिया गया।
- प्रिंस ऑफ वेल्स का भारत आगमन (नवंबर 1921)
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लॉर्ड इरविन(1926-31) |
- 3 फरवरी, 1928 को साइमन कमीशन का भारत आगमन।
- 1929 में कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत।
- प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन (12 नवंबर, 1930)
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लॉर्ड विलिंग्डन (1931-36) |
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन।
- द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत।
- 16 अगस्त, 1932 को रैम्जे मैकडोनाल्ड के ‘सांप्रदायिक पंचाट’ की घोषणा।
- तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन।
- भारत सरकार अधिनियम, 1935 पारित।
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लॉर्ड लिनलिथगो (1936-1944) (वायसराय के तौर पर सर्वाधिक लंबा कार्यकाल) |
- 1937 में चुनाव कराए गए।
- 1 सितंबर, 1939 को द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत।
- मुस्लिम लीग ने लाहौर अधिवेशन में पाकिस्तान की मांग की।
- 8 अगस्त, 1940 को अगस्त प्रस्ताव लाया गया।
- क्रिप्स मिशन का आगमन तथा भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत।
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लॉर्ड वेवेल (1944-1947) |
- 1945 में शिमला समझौते का आयोजन।
- कैबिनेट मिशन का भारत आगमन।
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली की 20 फरवरी, 1947 को भारत की स्वतंत्रता के संबंध में हाउस ऑफ कॉमन्स में घोषणा।
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