अधिवेशन/ अध्यक्ष/स्थान |
महत्त्वपूर्ण तथ्य |
पहला (1885), ब्योमेशचंद्र बनर्जी, बंबई |
- गोकुलदास तेजपाल महाविद्यालय में आयोजित
- 72 प्रतिनिधि
- समकालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड डफरिन
- प्रमुख नेता सुरेंद्रनाथ बनर्जी उपस्थित नहीं
- सचिव-ए. ओ. हयूम
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दूसरा (1886) दादाभाई नौरोजी, कलकत्ता |
- नेशनल कॉन्फ्रेंस और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विलय
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तीसरा (1887) बदरूद्दीन तैय्यब जी, मद्रास |
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चौथा(1888) जॉर्ज यूले. इलाहाबाद |
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1890 फिरोजशाह मेहता, कलकत्ता |
- कलकत्ता विश्वविद्यालय की पहली महिला स्नातक काबिनी गांगुली ने कांग्रेस अधिवेशन को संबोधित किया।
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1896 रहमतुल्ला सयानी, कलकत्ता |
- पहली बार ‘वंदेमातरम्’ गाया गया।
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1905 गोपाल कृष्ण गोखले. बनारस |
- बंगभंग की आलोचना
- स्वदेशी व बहिष्कार का समर्थन
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1906 दादाभाई नौरोजी, कलकत्ता |
- कांग्रेस का मूल लक्ष्य ‘स्वराज प्राप्ति’ घोषित किया गया।
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1907 रासबिहारी घोष, सूरत |
- कांग्रेस का विभाजन (नरमदल व गरम दल में)
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1915 सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा, बंबई |
- लॉर्ड वेलिंगटन ने भाग लिया।
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1916 अंबिकाचरण मजूमदार, लखनऊ |
- नरमदल और गरमदल का एकीकरण
- तिलक व एनी बेसेंट को प्रयास से कांग्रेस और लीग में समझौता
- तिलक- “स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है
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1917 एनी बेसेंट, कलकत्ता |
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1920 वी. राघवाचारी,नागपुर |
- कांग्रेस ने पहली बार देशी रियासतों के प्रति नीति घोषित की।
- असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम का अनुमोदन
- इससे पूर्व सितंबर 1920 में कलकत्ता में विशेष अधिवेशन में असहयोग कार्यक्रम को स्वीकृति दे दी गई थी।
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1924 महात्मागांधी, बेलगाम |
- एकमात्र अधिवेशन जिसकी अध्यक्षता गांधी ने की थी।
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1925 सरोजिनी नायडू, कानपुर |
- प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष
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1927 एम. ए. अंसारी, मद्रास |
- स्वतंत्रता का प्रस्ताव पारित
- साइमन कमीशन के बहिष्कार का प्रस्ताव पारित
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1929 जवाहरलाल नेहरू, लाहौर |
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1931 बल्लभभाई पटेल, कराची |
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1936 (अप्रैल) जवाहरलाल नेहरू, लखनऊ |
- जवाहरलाल नेहरू ने ‘समाजवाद’ को भारत की समस्याओं को हल करने की कुंजी बताया।
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1936 (दिसंबर) जवाहरलाल नेहरू,फैजपुर |
- प्रथम अधिवेशन जो गाँव में हुआ।
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1938 सुभाषचंद्र बोस, हरिपुरा |
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1939 सुभाषचंद्र बोस, त्रिपुरी |
- सुभाषचंद्र बोस के इस्तीफा दिये जाने के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया।
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1946 आचार्य जे. बी कृपलानी, मेरठ |
- आज़ादी के समय जे.बी. कृपलानी ही कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
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